नई दिल्ली, 13 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन में जारी सात देशों के शिखर सम्मेलन जी7 समिट को संबोधित करते हुए दुनिया को ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का मंत्र दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर शनिवार को डिजिटल माध्यम से सम्मेलन में शिरकत करने वाले पीएम मोदी ने अपने संबोधन में वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार के लिए वैश्विक सामूहिक प्रयास का समर्थन भी किया।
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान समर्थन देने वाले देशों को धन्यवाद
पीएम मोदी ने वैक्सीन पेटेंट में छूट के लिए जी7 का समर्थन मांगा। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करने के बाद ट्वीट कर कहा, ‘सम्मेलन में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान समर्थन देने वाले देशों को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में ऐसे किसी महामारी से निबटने के वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है। मानवता के लिए ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ हमारा संदेश है।’
जर्मन चांसलर एंजेला का पीएम मोदी को मजबूत समर्थन
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने विशेष रूप से पीएम मोदी के इस मंत्र का उल्लेख किया और इसका मजबूत समर्थन दिया। सम्मेलन में मौजूद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने ट्रिप्स छूट को लेकर पीएम मोदी के साथ हुई अपनी चर्चाओं का भी उल्लेख किया तो फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने भारत जैसे वैक्सीन उत्पादक देशों को कच्चे माल की आपूर्ति का आह्वान किया ताकि पूरी दुनिया के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
लगातार दूसरे दिन सम्मेलन में शिरकत करेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी रविवार को भी जी7 समिट के सत्रों में डिजिटल माध्यम से भाग लेंगे। इस बार ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और उसने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को बतौर मेहमान विशेष रूप से आमंत्रित किया है। जी7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ शामिल हैं।
गौरतलब है कि इस बार जी7 शिखर सम्मेलन की थीम ‘टिकाऊ सामाजिक-औद्योगिक बहाली’ है। यह दूसरा मौका है, जब प्रधानमंत्री जी7 की बैठक में शामिल हुए हैं। वर्ष 2019 में फ्रांस की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन में भी भारत को आमंत्रित किया गया था।
पीएम मोदी से पहले इस सम्मेलन में भारत सरकार के तीन केंद्रीय मंत्री भी अपने मंत्रालय अनुसार हिस्सा ले चुके हैं। इनमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल हैं।