स्टुटगार्ट (जर्मनी), 14 मई। विकसित देशों के समूह जी-7 के कृषि मंत्रियों ने शनिवार को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि इसके विश्व में खाद्य संकट बढ़ेगा। जर्मन कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा, ‘अगर हर कोई निर्यात प्रतिबंध या बाजार बंद करना शुरू कर देता है, तो इससे खाद्य संकट और बढ़ेगा।’
दरअसल, रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर खाद्य और ऊर्जा संकट की एक बड़ी चिंता को देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में भारत ने यूक्रेन में युद्ध के कारण आपूर्ति की कमी से प्रभावित देशों को झटका देते हुए हाल के गर्म तापमान के बाद उत्पादन प्रभावित होने के चलते गेहूं के निर्यात पर शनिवार को प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश
गौरतलब है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। इस फैसले को लेकर भारत ने कहा कि कम गेहूं उत्पादन और युद्ध के कारण तेजी से उच्च वैश्विक कीमतों सहित कारकों का मतलब है कि वह अब अपनी ‘खाद्य सुरक्षा’ के बारे में चिंतित है।
हालांकि शुक्रवार को जारी किए गए निर्देश से पहले सभी निर्यात सौदों को अब भी जारी रखा गया है, लेकिन भविष्य के सभी शिपमेंट के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी। फिलहाल, नई दिल्ली ने अगर अन्य सरकारों द्वारा ‘उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए’ अनुरोध को मंजूरी दे दी तो गेहूं निर्यात आगे भी जारी किया जा सकता है।