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जी-7 के देशों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारे के प्रति दिखाया उत्साह

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नई दिल्ली, 15 जून। तीन दिवसीय G-7 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) जैसी विशिष्ट अवसंरचना परियोजना के लिए अपनी सहमति जताई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान G7 PGII (वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए भागीदारी) पहलों, प्रमुख परियोजनाओं और गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना और निवेश के लिए परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारे विकसित करने पर जोर दिया गया। लोबिटो कॉरिडोर, लूजोन कॉरिडोर, मिडिल कॉरिडोर और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के लिए समन्वय और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना साथ ही यूरोपीय संघ के ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल पहल और इटली द्वारा अफ्रीका के लिए मैटेई योजना का निर्माण शामिल है।

सऊदी अरब, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को जोड़ने की व्यापक योजना

वहीं IMEC की योजना सऊदी अरब, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को जोड़ने वाली सड़कों, रेलवे और शिपिंग मार्गों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित करने की है। इस पहल का उद्देश्य एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिमी देशों के बीच एकीकरण को बढ़ावा देना है।

विशेष रूप से इसे चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) के जवाब में IMEC को सहयोगी देशों द्वारा अपने रणनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। BRI चीन की एक प्रमुख अवसंरचना परियोजना है, जो दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप को चीन से जोड़ती है।

पिछले वर्ष दिल्ली में भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं के दौरान IMEC ढांचे को अंतिम रूप दिया गया था। इस बार G-7 शिखर सम्मेलन में पोप फ्रांसिस भी मौजूद रहे। G-7 सम्मेलन के दौरान दुनिया के शीर्ष नेताओं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शामिल हुए।

पीएम मोदी ने विभिन्न मुद्दों पर रखी राय

पीएम मोदी ने शुक्रवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आउटरीच सत्र को संबोधित किया। G-7 के सदस्यों ने कहा, ‘साझा जिम्मेदारी की भावना से, हम अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं की भागीदारी का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। हम अधिक निश्चितता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए अपने AI शासन दृष्टिकोणों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे। हम इन प्रयासों में जोखिम आधारित दृष्टिकोण अपनाएंगे क्योंकि हम नवाचार और मजबूत, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं।’

यूक्रेन की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों का समर्थन करने के उद्देश्य से, G-7 यूक्रेन के लिए असाधारण राजस्व त्वरण (ERA) ऋण शुरू करेगा, ताकि वर्ष के अंत तक यूक्रेन को लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त वित्तपोषण उपलब्ध कराया जा सके।

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