स्टॉकहोम, 6 अक्टूबर। फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नो को वर्ष 2022 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। एनी ने अपनी लेखनी के जरिए साहसिक क्लिनिकल एक्यूटी पर कई लेख लिखे हैं। उन्होंने फ्रेंच, इंग्लिश में कई उपन्यास, लेख, नाटक और फिल्में भी लिखी हैं।
एनी एर्नो का जन्म 1940 में हुआ था। वह फ्रांस के नॉर्मंडी के छोटे से शहर यवेटोट में पली-बढ़ी थीं। यहां उनके माता-पिता की एक किराने की दुकान और कैफे था। ग्रामीण पृष्ठभूमि की होने के कारण एनी के लेखन पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होने एक डायरी के रूप में एक ‘कच्चे’ प्रकार के गद्य को लिखने का प्रयास भी किया है।
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The 2022 #NobelPrize in Literature is awarded to the French author Annie Ernaux “for the courage and clinical acuity with which she uncovers the roots, estrangements and collective restraints of personal memory.” pic.twitter.com/D9yAvki1LL— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 6, 2022
एनी ने जर्नल डू डेहोर्स (1993; एक्सटीरियर्स, 1996) या ला वी एक्सटीरियर 1993-1999 (2000; थिंग्स सीन, 2010) जैसी किताबों में अपने बचपन के लेखों को प्रकाशित किया है। एनी एर्नो की पहली फिल्म लेस अरमोयर्स वीड्स (1974; क्लीन आउट, 1990) थी। ला प्लेस (1983; ए मैन्स प्लेस, 1992) नाम की अपनी किताब में उन्होंने केवल सौ पृष्ठों में अपने पिता और उस संपूर्ण सामाजिक परिवेश का एक वैराग्यपूर्ण चित्र तैयार किया।
2 बार स्थगित हो चुका है साहित्य का नोबेल पुरस्कार
वर्ष 1901 से शुरू हुए नोबेल पुरस्कार के 119 साल के इतिहास में दो बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्थगित किया जा चुका है। 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे पहली बार स्थगित किया गया था। दूसरी बार इसे 2018 में इस स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना के पति और फ्रांसीसी फोटोग्राफर जेन क्लोड अरनॉल्टपर यौन शोषण के आरोप लगने के कारण स्थगित किया गया था।
वर्ष 2021 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार उपन्यासकार अब्दुलराजक गुरनाह को दिया गया था। उन्हें अपनी लेखनी के जरिए उपनिवेशवाद के प्रभावों, संस्कृतियों को लेकर लिखने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। 2019 में यह पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडका को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए दिया गया था।
पुरस्कार के रूप में क्या दिया जाता है?
नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (तकरीबन 8.20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक एल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है।