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कनाडा : खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में चौथे भारतीय की गिरफ्तारी

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टोरंटो, 12 मई। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में कनाडा प्रशासन की ओर से चौथे भारतीय की गिरफ्तारी की गई है। गिरफ्तार शख्स का नाम अमरदीप सिंह बताया गया, जिसकी उम्र 22 वर्ष है और वह कनाडा के ब्रैम्पटन, सरे और एबॉट्सफोर्ड क्षेत्रों का निवासी है। उसके ऊपर पुलिस ने फर्स्ट-डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

गौरतलब है कि 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के अंतर्गत आने वाले सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारा के बाहर निज्जर (45) की हत्या कर दी गई थी। कनाडा ने इस हाई-प्रोफाइल केस के घटित होने के एक हफ्ते बाद ही कथित तौर पर आरोपित तीसरे भारतीय को गिरफ्तार किया था। इस पर कनाडा की ओर से माना गया कि इनकी वजह से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हुए।

रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) ने कहा कि अमरदीप सिंह को निज्जर की हत्या में उसकी भूमिका के लिए 11 मई को गिरफ्तार किया गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह पहले से ही असंबंधित फायर आर्म्स आरोपों के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस की हिरासत में था। इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन के प्रभारी अधिकारी अधीक्षक मनदीप मुकर ने इस मामले पर कहा, ‘यह गिरफ्तारी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने वालों को जिम्मेदार ठहराने के लिए हमारी चल रही जांच की प्रकृति को दर्शाती है।’

पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि आईएचआईटी ने सबूतों का पीछा किया और ब्रिटिश अभियोजन सेवा के लिए अमनदीप सिंह पर फर्स्ट-डिग्री मर्डर और साजिश रचने के आरोप में पर्याप्त जानाकारी प्राप्त कर ली है। जांचकर्ता ने ये भी कहा कि गिरफ्तार हुए व्यक्ति से जुड़ी जानकारी जारी नहीं कर सकते क्योंकि वह जांच का हिस्सा है और कोर्ट की प्रक्रिया भी उससे बाधित हो सकती है।

आईएचआईटी जांचकर्तओं ने गत तीन मई को तीन भारतीयों को हिरासत में लिया था, जिसमें करण बरार (22), कमलप्रीत सिंह (22) और 28 वर्षीय करणप्रीत सिंह शामिल हैं। तीनों आरोपित एडमोंटन में रहने वाले भारतीय नागरिक हैं और उन पर प्रथम श्रेणी की हत्या और उसकी साजिश रचने का आरोप लगा है।

हालांकि, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया गया था कि इस केस के पीछे भारत का हाथ है। लेकिन भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया है। ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने ओटावा से समानता सुनिश्चित करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा। इसके बाद कनाडा ने 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को भारत से वापस बुला लिया था।

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