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विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक क्लॉस श्वाब बोले – इस बंटी हुई दुनिया के लिए पीएम मोदी का नेतृत्व बेहद महत्वपूर्ण

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दावोस (स्विट्जरलैंड), 20 जनवरी। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब ने शुक्रवार को पीएम मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा कि इस बंटी हुई दुनिया के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने भारतीय मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल और इसके कई शीर्ष व्यापारिक नेताओं से भी मुलाकात की।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे भारतीय मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल और इसके कई शीर्ष व्यापारिक नेताओं से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।’

वैश्विक संकट के बीच भारत एक उज्ज्वल स्थान

श्वाब ने एक बंटी हुई दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक संकट के बीच भारत एक उज्ज्वल स्थान है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक 2023 के दौरान गुरुवार की रात एक भारत स्वागत समारोह में भाग लेने के बाद श्वाब ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान दुनिया में सभी के लिए एक न्यायसंगत और समान वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही भारत घरेलू चुनौतियों पर भी महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।

श्वाब ने कहा, ‘भारत को जी-20 की अध्यक्षता एक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर मिली है, जब इस बंटी हुई दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।’ डब्ल्यूईएफ ने भी एक बयान में कहा कि वह भारत के साथ अपने लगभग 40 वर्षों के सहयोगी इतिहास को महत्व देता है। बयान में उम्मीद जताई गई कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी-20 की अध्यक्षता के दौरान देश के साथ लगातार सहयोग जारी रहेगा।

कई संकटों के तलते बंट चुकी है दुनिया

विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि उसकी वार्षिक बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब कई संकटों ने विभाजन को गहरा कर दिया है और भू-राजनीतिक परिदृश्य बंटा हुआ है। मंच ने उम्मीद जताई कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ऐसे चुनौतीपूर्ण वक्त में मददगार साबित होगी।

श्वाब ने कहा, ‘मैं नवीकरणीय ऊर्जा के लिए देश की निर्णायक काररवाई, वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल में इसके योगदान, महिलाओं के नेतृत्व वाली वृद्धि पर जोर और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए भारत के नेतृत्व की सराहना करता हूं। भारत वैश्विक भू-अर्थशास्त्र और भू-राजनीतिक संकट के बीच एक उज्ज्वल स्थान बना हुआ है।’

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