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टाटा स्टील शतरंज : पूर्व विश्व चैम्पियन आनंद की 6 वर्षों बाद वापसी, मौजूदा विश्व विजेता गुकेश से भी होगी भिड़ंत

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कोलकाता, 17 दिसम्बर। पांच बार के पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद छह वर्षों बाद प्रतिस्पर्धी मुकाबले में वापसी करने के लिए तैयार हैं। इस क्रम में विशी सात से 11 जनवरी तक यहां प्रस्तावित सातवें टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में मौजूदा विश्व चैम्पियन डी. गुकेश सहित अपने दूसरे पूर्व शिष्यों के साथ बिसात बिछाएंगे।

भारतीय धरती पर गुरु-शिष्य पहली बार किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में आपस में भिड़ेंगे

पिछली बार 2019 में टूर्नामेंट खेलने वाले आनंद भारतीय सितारों की नई पीढ़ी के खिलाफ वापसी करेंगे, जिसमें गुकेश सबसे आगे हैं। आनंद ने गुकेश का हाल के वर्षों में अपनी वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी में करीब से मार्गदर्शन (मेंटर) किया है। यह पहली बार होगा, जब ये दोनों विश्व चैंपियन भारतीय धरती पर किसी व्यक्तिगत टूर्नामेंट में आपस में भिड़ेंगे।

ओपन व महिला वर्ग में समान पुरस्कार राशि

टाटा स्टील शतरंज इंडिया ‘धोनो धन्यो ऑडिटोरियम’ में आयोजित की जाएगी, जिसमें रैपिड व ब्लिट्ज दोनों प्रारूप में ओपन और महिला दोनों वर्ग होंगे और दोनों वर्ग के लिए समान पुरस्कार राशि होगी।

युवा भारतीय खिलाड़ियों का मजबूत दल जोर आजमाइश करेगा

ओपन वर्ग में फिडे विश्व कप उप विजेता वेई यी, पूर्व अमेरिकी चैंपियन वेस्ली सो, हेंस नीमेन, वोलोडार मुर्जिन और आर. प्रज्ञानानंद व अर्जुन एरिगेसी सहित एक मजबूत भारतीय दल भी शामिल होगा। अन्य भारतीयों में विदित गुजराती, अरविंद चिदंबरम, दिव्या देशमुख, वैशाली आर, वंतिका अग्रवाल और रक्षिता रवि शामिल हैं।

महिलाओं के वर्ग में विश्व कप विजेता दिव्या के साथ पूर्व विश्व चैम्पियनशिप चैलेंजर एलेक्जेंड्रा गोरियाचकिना, कैटरीना लेग्नो, नेना डजाग्निजे, डी हरिका और कैरिसा यिप मुख्य आकर्षण होंगी।

आनंद बोले – ‘युवा दिग्गजों की चुनौती स्वीकार करने के लिए उत्साहित हूं

खिलाड़ी के तौर पर वापसी को लेकर उत्साहित आनंद ने कहा, ‘भारत सहित पूरी दुनिया में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के उभरने से शतरंज की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आया है। मैं भारत के इस बड़े टूर्नामेंट में युवा दिग्गज शतरंज खिलाड़ियों की चुनौती स्वीकार करने के लिए बहुत उत्साहित हूं।’

टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट सर्विसेज) डीबी सुंदर रामम ने कहा कि आनंद की वापसी ने इस प्रतियोगिता में एक खास आयाम जोड़ा है। टूर्नामेंट निदेशक दिब्येंदु बरुआ ने कहा कि यह प्रतियोगिता विश्व स्तर पर प्रमुख शतरंज टूर्नामेंट में से एक बन गई है और आनंद का अपने छात्रों और शिष्यों का सामना करना भारतीय शतरंज में मशाल अगली पीढ़ी को सौंपने का प्रतीक है।

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