कोलकाता, 23 मार्च। भ्रष्टाचार के आरोप में सलाखों के पीछे बंद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विशेष कोर्ट में गवाही देने से पूर्व सनसनीखेज आरोप लगाते हुए दो प्रमुख विपक्षी दलों के तीन नेताओं पर बेहद गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं।
आरोप – इन नेताओं ने विभिन्न पदों पर नियुक्तियों के लिए भेजे थे कई नाम
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी की हिरासत में चल रहे पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा के दिलीप घोष, विधानसभा के मौजूदा नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती ने उन्हें विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए अलग-अलग उम्मीदवारों के नाम भेजे थे।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पार्थ चटर्जी ने बंगाल में विपक्ष के तीनों नेताओं को घेरते हुए कहा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं कि दिलीप बाबू, शुभेंदु अधिकारी और सुजान चक्रवर्ती बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं! उन्हें देखिए उत्तर बंगाल में उन्होंने क्या किया? नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की 2009-2010 की रिपोर्ट पढ़ें।’
दिलीप घोष की प्रतिक्रिया – जेल जाने से पार्थ का दिमाग खराब हो गया है
वहीं पार्थ चटर्जी के आरोप पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल भाजपा के पूर्व प्रमुख और सांसद दिलीप घोष ने कहा, ‘जेल जाने से उनका दिमाग खराब हो गया है। वो जिस समय की बात करते हुए मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, मैं तो राजनीति में शामिल भी नहीं था। शारदा घोटाले की मास्टरमाइंड (ममता बनर्जी) की मंशा मुझे अपमानित करने की है और इसके लिए वह बहुत पहले एक चिट्ठी भी लिख चुके हैं। अब वह पार्थ के जरिये फिर से वही काम कर रही हैं। लेकिन उनकी कोई योजना कामयाब नहीं होगी। अगर सबूत है तो पेश करें, मैं जेल जाऊंगा। उन्हें तो प्रेमिका समेत हिरासत में लिया गया था और उनके घरों से नकदी का ढेर भी बरामद हुआ था।’
सुजान बोले – पार्थ के दिमाग की वायरिंग में खराबी आ गई है
पार्थ के आरोप पर सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती ने भी ठीक दिलीप घोष की तरह बातें कहीं और कहा, ‘पार्थ के बातों से साबित होता है कि दिमाग खराब होने पर कई चीजें होती हैं। उनके दिमाग की वायरिंग में खराबी आ गई है। पार्थ जिस 2009-2010 के दौर की बात कर रहे हैं, मेरा मानना है कि वह तो सरकार का हिस्सा नहीं थे उस समय।’
गौरतलब है कि सलाखों के पीछे दिन काट रहे पार्थ चटर्जी के केस में आज अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई होनी है। बीते 16 मार्च को पार्थ ने कोर्टरूम में जज से पांच मिनट बोलने की इजाजत मांगी थी। अब देखना यह है कि पार्थ कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज के सामने अपनी जमानत के बचाव में क्या तर्क पेश करते हैं।