गोरखपुर, 16 मई। पूर्वांचल की सियासत में कई दशक तक अहम भूमिका निभाने वाले यूपी के पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार को निधन हो गया। 90 वर्षीय नेता ने गोरखपुर स्थित आवास (हाता) में अंतिम सांस ली।
पारिवारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम को तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों की टीम ने हाता पहुंचकर हरिशंकर तिवारी की चिकित्सकीय जांच की। शाम साढ़े छह बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली।
हरिशंकर तिवारी की गिनती यूपी के कद्दावर नेताओं में होती थी। उनके निधन की सूचना से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। हाता पर बड़ी संख्या में लोग जुटने लगे हैं। हालांकि कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे हरिशंकर तिवारी लम्बे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे।
वर्ष 1997 से 2007 के बीच पांच सरकारों में मंत्री रहे
वर्ष 1997 से 2007 के बीच पांच सरकारों में मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल की ब्राह्मण सियासत का अहम चेहरा रहे। पहली बार वह गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधायकी जीते थे। कांग्रेस शासनकाल में इंदिरा गांधी के जमाने जेल से निर्दलीय चुनाव जीत कर उन्होंने इतिहास रच दिया था। इसके बाद उनका सियासी सफर कई दशक तक जारी रहा। इस दौरान वह कल्याण सिंह से लेकर मायावती और मुलायम सिंह यादव की सरकार तक में मंत्री रहे।
किसी जमाने में पूर्वांचल के बाहुबली कहे जाने वाले हरिशंकर तिवारी का नाम 80 के दशक में पूर्वांचल से पूरे देश में चर्चित हुआ था। पूर्वांचल के ही एक अन्य कद्दावर नेता वीरेंद्र शाही से उनकी अदावत आज भी लोगों के जेहन में हैं।
राजनीति में सक्रिय है परिवार
हरिशंकर तिवारी का परिवार अब भी राजनीति में सक्रिय है। उनके बेटे कुशल तिवारी सांसद और विनय शंकर तिवारी विधायक रहे हैं। वर्तमान में विनय समाजवादी पार्टी में हैं। हरिशंकर तिवारी के भतीजे गणेश शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रहे हैं।