पणजी, 21 मई। समाचार मैगजीन तहलका के पूर्व प्रधान सम्पादक तरुण तेजपाल को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली, जब गोवा की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने उन्हें यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से बरी कर दिया। तेजपाल पर वर्ष 2013 में गोवा के एक लग्जरी होटल में लिफ्ट के भीतर एक महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का आरोप था।
अदालत से बरी होने के आदेश के बाद तरुण तेजपाल ने कहा कि ‘नवंबर, 2013 में मुझे एक महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न के झूठे मामले में फंसाया था और आज गोवा में एडिशनल सेशन जज की ट्रायल कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया।’
- वर्ष 2013 में जूनियर सहकर्मी ने लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप
यह मामला 7-8 नवम्बर, 2013 का है, जब एक महिला ने नॉर्थ गोवा स्थित होटल में तहलका की ओर से आयोजित इवेंट के दौरान तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। गोवा पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न और बलात्कार सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी और उसी वर्ष 30 नवम्बर को उन्हें गिरफ्तार किया था।
तेजपाल 19 मई, 2014 को अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे और तब से बाहर ही थे। जुलाई, 2014 में उन्हें जमानत मिल गई थी।
मापुसा कोर्ट ने सितम्बर, 2017 में तेजपाल के खिलाफ जूनियर सहकर्मी के साथ उत्पीड़न के मामले में आरोप तय किए। तब भी तेजपाल ने खुद को निर्दोष बताया और मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। 20 दिसम्बर, 2019 को गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने तेजपाल की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में पहले 27 अप्रैल और फिर 19 मई को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण फैसले की तारीख आगे बढ़ाकर 21 मई कर दी गई थी।