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पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का 95 वर्ष की उम्र में निधन, दो दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित

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चंडीगढ़, 25 अप्रैल। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया। 95 वर्षीय बादल को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद एक सप्ताह पहले मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने रात्रि लगभग आठ बजे अंतिम सांस ली। उनके बेटे और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने उनके निधन की पुष्टि की।

केंद्र सरकार ने पंजाब राज्य में पद संभालने वाले सबसे कम उम्र के सीएम प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दो दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक राष्ट्रीय शोक के दौरान झंडा आधा झुका रहता है। प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार गुरुवार (27 अप्रैल) को होगा।

पैतृक गांव में 27 सितम्बर को होगा अंतिम संस्कार

पार्टी सूत्रों ने बताया कि बुधवार की सुबह 10 बजे से मध्याह्न 12 बजे तक प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर पार्टी ऑफिस चंडीगढ़ में सेक्टर 28 में लाया जाएगा। यहां पर लोग अपने नेता के अंतिम दर्शन करेंगे। इसके बाद बादल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पिछले वर्ष से चल रहे थे बीमार

बीते वर्ष जून में भी बादल को सीने में दर्द के बाद अस्पताल में दाखिल कराया गया था। कुछ समय बाद उन्हें छुट्‌टी तो मिल गई, लेकिन सितम्बर 2022 में फिर उनका स्वास्थ्य खराब होने के बाद पीजीआई में दाखिल किया गया। लगभग छह माह बाद उन्हें दोबारा अस्पताल लाया गया था।

राष्ट्रपति मुर्मू व पीएम मोदी सहित अन्य नेताओं ने जताया शोक

इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित कई नेताओं ने शीर्ष अकाली नेता के निधन पर दुख जताया है।

पीएम मोदी बोले – ‘वह भारतीय राजनीति की एक महान शख्सियत थे

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वयोवृद्ध नेता बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से बेहद दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति की एक महान शख्सियत थे और एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।’

पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘प्रकाश सिंह बादल का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैंने उनके साथ कई दशकों तक निकटता से बातचीत की है और उनसे बहुत कुछ सीखा है। मुझे हमारी कई बातचीत याद आती हैं, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना।’ पीएम मोदी ने उनके साथ अपनी तस्वीर को भी साझा किया है।

2022 में लड़े थे आखिरी चुनाव, पहली बार हार का सामना करना पड़ा था

प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसम्बर 1927 को श्री मुक्तसर साहिब के गांव बादल में हुआ था। गांव के सरपंच से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपना आखिरी चुनाव 2022 में लड़ा था। यह इतिहास में पहली बार था कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह चुनाव लड़ने के बाद वह चुनाव लड़ने वाले सबसे अधिक उम्र के नेता बन गए थे।

वर्ष 2015 में पद्म विभूषण से किए गए थे सम्मानित

प्रकाश सिंह बादल ने 1947 में राजनीति में कदम रखा। शुरुआत में उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब उन्हें सबसे कम उम्र के सरपंच बनने का खिताब मिला था। उन्हें 30 मार्च, 2015 को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

5 बार के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक रह चुके थे बादल

प्रकाश सिंह बादल ने 1957 में सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वह पंचायत राज, पशुपालन, डेयरी आदि विभागों के मंत्री रहे। वह पांच बार (1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 में) पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। इतना ही नहीं, मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वह सांसद भी चुने गए।

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