मुंबई, 2 दिसंबर। महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और वर्तमान डीजी होम गार्ड परमबीर सिंह को निलंबित कर दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक परमबीर सिंह पर अनुशासनहीनता और अन्य गड़बड़ियों की वजह से यह काररवाई की गई है।
गौरतलब है कि तत्कालीन गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस वर्ष मार्च में महाराष्ट्र सरकार ने न्यायमूर्ति के.यू. चांदीवाल आयोग का गठन किया था। आयोग ने परमबीर को पेश होने को कहा था। लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसके बाद आयोग ने उन पर जुर्माना भी लगाया था और उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
परमबीर सिंह पर महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम 5 मामले दर्ज
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं। इसी क्रम में मुंबई की एक अदालत ने जबरन वसूली के एक मामले में परमवीर सिंह फरार घोषित कर दिया था। हालांकि, अब कोर्ट ने यह आदेश वापस ले लिया है।
232 दिनों तक लापता रहने के बाद 25 नवंबर को मुंबई पहुंचे थे
लगभग साढ़े सात महीने तक लापता रहे परमबीर सिंह 232 दिनों बाद पिछले गुरुवार, 25 नवंबर को सार्वजनिक रूप से सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए थे। वह एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष भी पेश हुए थे। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें छह दिसंबर तक गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दी है।