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अंतत: सामने आए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, क्राइम ब्रांच में कई घंटों तक चली पूछताछ

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मुंबई, 25 नवंबर। जबरन वसूली के कई आरोप लगने के बाद पिछले 232 दिनों से लापता चल रहे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और वर्तमान डीजी होम गार्ड परमबीर सिंह ने आखिर गुरुवार को मुंबई में सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी।

चंडीगढ़ से दिन में आने पर परमबीर सिंह ने मुंबई हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘अदालत के निर्देशानुसार मैं जांच में शामिल होऊंगा।’ वह सबसे पहले क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचे और डीसीपी नीलोत्पल के सामने अपना बयान दर्ज कराया। यहां उनसे सात घंटे से ज्यादा वक्त तक पूछताछ हुई।

ज्ञातव्य है कि क्राइम ब्रांच की टीम परमबीर सिंह के खिलाफ गोरेगांव में दर्ज फिरौती के एक मामले की जांच कर रही है। इस मामले में सिंह के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ था और कुछ दिन पहले ही उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया गया था।

चंडीगढ़ में बुधवार को ऑन हुआ था फोन

इससे पहले बुधवार को परमबीर सिंह का फोन चंडीगढ़ में अचानक ऑन हुआ था। इसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही मुंबई पुलिस के सामने पेश हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जांच में सहयोग की शर्त पर गिरफ्तारी से दे रखी है छूट

सुप्रीम कोर्ट ने भी परमबीर सिंह को बड़ी राहत देते हुए जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में उनके वकील ने कहा था कि परमबीर सिंह को पूरे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने जिन अधिकारियों को भ्रष्ट आचरण के लिए दंडित किया है, उन्हीं को आज शिकायतकर्ता बनाया गया है। अदालत में उनके वकील ने यह भी कहा था कि मुंबई में परमबीर की जान को खतरा है, इसलिए वे शहर से बाहर हैं। अब तक उनके खिलाफ पांच मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

कई बार चंडीगढ़ गई पुलिस की टीम

इससे पहले गृह विभाग ने परमबीर सिंह के गायब रहने की जानकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो को भी दे दी थी। परमबीर मई के महीने से स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर जाने के बाद से ही लापता थे। गृह विभाग ने सिंह को उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पर कई पत्र भेजे और उनके ठिकाने के बारे में पूछताछ भी की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

परमबीर के खिलाफ जांच कर रही है एसआईटी

सरकार के गृह विभाग ने परमबीर सिंह के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की थी। इस टीम की अध्यक्षता डीसीबी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। विमल अग्रवाल नाम के व्यापारी के खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज मकोका के केस की जांच भी एसआईटी की टीम करेगी। परमबीर के कमिश्नर रहने के दौरान विमल अग्रवाल पर छोटा शकील से संबंध होने का आरोप लगाते हुए मकोका का केस दर्ज किया गया था।

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