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केरल के पूर्व सीएम व दिग्गज कम्युनिस्ट नेता वीएस अच्युतानंदन का 101 वर्ष की उम्र में निधन

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नई दिल्ली, 21 जुलाई।  केरल के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गज कम्युनिस्ट नेता वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार को निधन हो गया। दिग्गज कम्युनिस्ट नेता ने तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में 101 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।

काफी दिनों से अस्पताल में भर्ती थे अच्युतानंदन

अच्युतानंदन काफी दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें कार्डियक अरेस्ट के बाद गत 23 जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तभी से उन्हें आईसीयू में वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। सीएम पिनराई विजयन और सीपीएम राज्य सचिव एमवी गोविंदन खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से बातचीत की। वामदलों के अन्य नेता भी अस्पताल उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

वालियाचुडुकड़ श्मशान घाट पर बुधवार को होगा अंतिम संस्कार

सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने अच्युतानंदन के निधन की घोषणा के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए अंतिम संस्कार की योजना की रूपरेखा बताई। गोविंदन ने कहा, ‘दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को जल्द ही एकेजी सेंटर ले जाया जाएगा, जो दशकों तक उनका राजनीतिक केंद्र रहा। इसके बाद इसे तिरुवनंतपुरम स्थित उनके आवास पर ले जाया जाएगा। मंगलवार सुबह पार्थिव शरीर को सचिवालय दरबार हॉल में जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर बाद, इसे उनके गृहनगर अलप्पुझा ले जाया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि बुधवार को पार्थिव शरीर को अलप्पुझा में मौजूद सीपीआई (एम) डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में रखा जाएगा और अंतिम संस्कार वालियाचुडुकड़ श्मशान घाट पर किया जाएगा।

पीएम मोदी ने केरल के पूर्व सीएम के निधन पर जताया दुख

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सीएम वीएस अच्युतानंदन के निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन के निधन से दुःखी हूं. उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष जनसेवा और केरल की प्रगति के लिए समर्पित कर दिए। मुझे उन दिनों की यादें ताजा हो रही हैं, जब हम दोनों अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्री थे। इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।’

1964 में CPI से अलग होकर CPI-M की स्थापना की थी

‘वीएस’ के नाम से मशहूर अच्युतानंदन आठ दशक लंबे करिअर में बड़े जननायक और वामदलों के सबसे मुखर वक्ता के तौर पर जाने जाते थे। उन्होंने ने 2006 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। अच्युतानंदन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उन 32 नेताओं में से एक थे, जिन्होंने 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) से अलग होकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की स्थापना की। वह CPI-M के 32 संस्थापकों में से दो जीवित बचे नेताओं में एक थे।

अलप्पुझा के एक गरीब परिवार में हुआ था जन्म

अच्युतानंदन का जन्म 20 अक्टूबर, 1923 को अलप्पुझा के एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया। वह एक दर्जी की दुकान और फिर कारखाने में काम करने लगे और अंत में वामपंथी आंदोलन के दौरान उससे जुड़ गए।

2006 में 82 वर्ष की उम्र में संभाली थी केरल की सत्ता

वर्ष 2006 में 82 वर्ष की उम्र में अच्युतानंदन ने केरल में पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाई और अगले पांच वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे। हालांकि बीते कुछ वर्षों से वह सार्वजनिक जीवन से दूर थे और तिरुवनंतपुरम में अपने बेटे के घर पर रह रहे थे। उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वह ज्यादातर अपना समय घर पर गुजार रहे थे।

CPI (M) ने दी श्रद्धांजलि

CPI (M) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, कॉमरेड वी एस अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘पोलित ब्यूरो ने कॉमरेड वी.एस. अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि अर्पित की और सलामी में अपना लाल झंडा झुकाया।’

शशि थरूर ने जताया शोक

तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पूर्व सीएम वी.एस. अच्युतानंदन के निधन पर शोक व्यक्त किया। थरूर ने अच्युतानंदन को एक ‘महान कम्युनिस्ट नेता’ और ‘जनता के प्रिय जननेता’ बताया। उन्होंने कहा कि अच्युतानंदन का जीवन साधारण पृष्ठभूमि से उठकर जननेता बनने की प्रेरणादायक यात्रा रही।

वीएस एक ऐसे नेता थे, जो कभी किसी से नहीं डरते थे

दिवंगत नेता के निजी सचिव ए.जी. शशिधरन नायर ने बताया कि ‘वीएस एक ऐसे नेता थे, जो कभी किसी से नहीं डरते थे। जब भी वह किसी मुद्दे को उठाते थे, पार्टी लाइन की परवाह नहीं करते थे।’ उन्होंने 2008 की एक घटना का जिक्र किया, जब उनके बेटे वी.ए. अरुण कुमार की नियुक्ति पर लगे आरोपों की जांच खुद विधानसभा समिति से कराने की घोषणा वीएस ने की थी। बाद में आरोप झूठे साबित हुए।

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