बेंगलुरु, 13 जून। बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ एक नाबालिग लड़की के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में पॉक्सो (POCSO) एक्ट के अंतर्गत गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
पॉक्सो मामलों के लिए फर्स्ट फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील पर विचार करते हुए वारंट जारी किया कि येदियुरप्पा शक्तिशाली शख्सियत है। ऐसी जानकारी है कि इस समय वह दूसरे राज्य में हैं।
येदियुरप्पा ने मामले को दबाने की कोशिश की थी
अभियोजन पक्ष का कहना है कि येदियुरप्पा ने मामले को दबाने की कोशिश की थी और शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए दो लाख रुपये का लालच भी दिया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि नोटिस जारी किए जाने के बाद भी येदियुरप्पा जांच के लिए उपस्थित नहीं हुए। आदेश के बाद, कर्नाटक पुलिस पॉक्सो मामले के सिलसिले में येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।
येदियुरप्पा ने अग्रिम जमानत के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट में किया आवेदन
इस बीच, येदियुरप्पा ने गुरुवार को मामले में अग्रिम जमानत के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया। उनकी याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होनी है। येदियुरप्पा ने जांच पर रोक लगाने और मामले को रद करने के लिए भी याचिका दायर की है। अदालत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि पीड़िता की मां ने इस वर्ष मार्च में येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। आरोप लगाया गया था कि जब उनकी बेटी मदद मांगने के लिए पूर्व सीएम के आवास पर गई थी, तब उसका उत्पीड़न किया गया था। पीड़िता की मां की 26 मई को मौत हो चुकी है।
इस बीच, बुधवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई, जिसमें येदियुरप्पा की गिरफ्तारी की मांग की गई। पीड़िता के भाई ने रिट याचिका दायर कर दावा किया कि पूर्व सीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के महीनों बाद भी पुलिस ने कोई काररवाई नहीं की।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सरकार ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ अब कानूनी काररवाई शुरू करने का फैसला किया है। मामले में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक अशोक एन. नायक को नियुक्त किया गया है।