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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 5 माह बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से रिहा

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रांची, 28 जून। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय  कारागार से रिहा हो गए। वह बड़गाई अंचल जमीन घोटाले के आरोप में गत 31 जनवरी से बंद थे। कारागार से बाहर निकालने पर झामुमो के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन का फूलमाला से स्वागत किया।

इससे पहले दिन में झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर. मुखोपाध्याय ने हेमंत सोरेन को जमानत दी। उसके बाद धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन के कोर्ट में 50-50 हजार के दो निजी मुचलके पर सोरेन का रिहाई का आदेश जारी हुआ। रिलीज ऑर्डर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेजा गया सोरेन की रिहाई की औपचारिकता पूरी की गई। सोरेन के भाई व राज्य सरकार के मंत्री बसंत सोरेन और कुमार सौरव जमानतदार बने हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में ईडी ने जांच पूरी करते हुए गत 30 मार्च को हेमंत सोरेन सहित पांच आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके अलावा झामुमो नेता अंतू तिर्की सहित 10 आरोपितों पर पूरक आरोप पत्र भी बीते दिनों अदालत में दायर हुआ है। मामले में हेमंत सोरेन सहित 12 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

गिरफ्तार होने वाले आरोपितों में हेमंत सोरेन, बड़गाई अंचल के निलंबित राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद, झामुमो नेता अंतु तिर्की, मो. सद्दाम, मो. अफसर अली, विपिन सिंह, प्रियरंजन सहाय,इरसाद अख्तर, शेखर कुशवाह, हजारीबाग के कोर्ट कर्मी मो इरशाद, कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मी तापस घोष और चौकीदार संजीत कुमार शामिल हैं।