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पूर्व अंतरराष्ट्रीय एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने खेल ढांचे में बदलाव के लिए मोदी सरकार की तारीफ की

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नई दिल्ली, 26 दिसम्बर। अपने जमाने का ख्यातिनाम एथलीट और विश्व एथलेटिक्स चैपियनशिप में भारत की पहली पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने देश के खेले ढांचे में बदलाल और खेलों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ‘गलत युग में’ प्रतिस्पर्धा की।

पीएम मोदी के सामने बोलीं – गलत युग में थी, मौजूदा एथलीटों से होती है जलन

क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में लंबी कूद की महान एथलीट अंजू ने कहा, ‘एक खिलाड़ी के रूप में मैंने लगभग 25 वर्षों तक प्रतिस्पर्धा की और मैं बहुत सारे बदलाव देख रही हूं। जब मैंने 20 वर्ष पहले भारत को पहला वैश्विक पदक दिलाया था तो मेरा विभाग भी मुझे पदोन्नति देने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन नीरज (चोपड़ा) के पदक जीतने के बाद मैंने बदलाव देखे हैं… जिस तरह से हम जश्न मना रहे हैं… मैं उनसे ईर्ष्या करती हूं क्योंकि मैं गलत युग में थी।’

‘महिला सशक्तिकरण अब सिर्फ एक शब्द नहीं

पेरिस में 2003 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली अंजू ने महिला सशक्तिकरण के बारे में बात की और यह भी बताया कि कैसे देश अब एथलीटों की उपलब्धियों का भी जश्न मनाता है। उन्होंने कहा, महिला सशक्तिकरण अब सिर्फ एक शब्द नहीं है। हर भारतीय लड़की सपने देखने के लिए तैयार है और उसे पता है कि उसके सपने सच होंगे।’

प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के साथ बातचीत की और अंजू इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थीं। अंजू ने कहा, ‘मुझे लगता है कि निकट भविष्य में हम (खेल जगत में) शीर्ष पर होंगे।’

अपनी अन्य उपलब्धियों में अंजू ने 2003 के एफ्रो-एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और 2004 के एथेंस ओलंपिक खेलों में 6.83 मीटर का अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिससे वह पांचवें स्थान पर रहीं थी। उन्हें 2002 में अर्जुन पुरस्कार, 2003 में खेल रत्न और 2004 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।