मुंबई, 4 मई। गुजरे जमाने के महान सलामी बल्लेबाजों में एक और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर ने मुंबई में क्रिकेट अकादमी स्थापित करने के लिए उन्हें 33 वर्ष पहले आवंटित सरकारी भूखंड लौटा दिया है।
बांद्रा पश्चिम में म्हाडा ने आवंटित किया था 21,348 वर्ग फुट का भूखंड
गौरतलब है कि महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) की ओर से 1980 के दशक के अंत में सुनील गावस्कर क्रिकेट फाउंडेशन ट्रस्ट (एसजीसीएफटी) को एक इनडोर क्रिकेट अकादमी बनाने के लिए मुंबई के बांद्रा पश्चिम क्षेत्र में स्थित 21,348 वर्ग फुट का भूखंड आवंटित किया गया था। लेकिन तीन दशक बाद भी अकादमी स्थापित नहीं होने पर गावस्कर ने शर्मिंदगी से बचने के लिए भूखंड लौटाने का फैसला किया।
आवास मंत्री जितेंद्र आह्वाड ने भूखंड का उपयोग न करने पर जताई थी नाराजगी
महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी गावस्कर को आवंटित किए गए भूखंड का उपयोग नहीं करने पर पिछले वर्ष नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने गावस्कर से उस भूखंड को वापस करने की मांग भी की थी। आव्हाड ने इस बात की भी पुष्टि की कि गावस्कर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बताया था कि वह वर्षों पहले बांद्रा में उन्हें दिए गए भूखंड पर क्रिकेट अकादमी स्थापित नहीं कर पाए हैं।
म्हाडा ने 2019 में गावस्कर से भूखंड लौटाने का आग्रह किया था
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि गावस्कर ने एमएचएडीए को भूखंड वापस कर दिया है। म्हाडा ने 2019 में उस भूखंड पर कब्जा वापस लेने और ट्रस्ट के साथ अपने समझौते को खत्म करने का प्रस्ताव भेजा था। अधिकारी ने बताया, ‘गावस्कर ने आठ महीने के लंबे विचार-विमर्श और राज्य में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी के भागीदारों के साथ बैठक के बाद यह प्लॉट म्हाडा को लौटा दिया है।’
इस बीच सुनील गावस्कर ने भी इस खबर की पुष्टि की है कि उनके ट्रस्ट ने जमीन लौटा दी है। गावस्कर ने बताया, ‘क्रिकेट अकादमी शुरू करना मेरा सपना था, लेकिन मेरी वर्तमान नौकरी इसे संभव नहीं बनाती। इसलिए, म्हाडा को इस जगह को उस तरह से विकसित करना चाहिए, जो उसके अनुकूल हो। अगर इस संबंध में मुझसे किसी मदद की जरूरत है, तो मैं मदद करने के लिए तैयार हूं।’
सचिन के साथ मिलकर अकादमी स्थापित करने का प्रयास भी सफल नहीं हो पाया
उल्लेखनीय है कि 72 वर्षीय गावस्कर ने इसके पहले एक अन्य भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर अकादमी स्थापित करने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से संपर्क किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया था।