Site icon hindi.revoi.in

पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, मुंबई हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए दे दिया था पद से इस्तीफा, कांग्रेस में शोक की लहर

Social Share

मुंबई, 12 दिसंबर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। 90 वर्ष की आयु में उन्होंने लातूर स्थित अपने आवास ‘देववर’ में अंतिम सांस ली। वे पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और लंबे समय से घर पर ही उनका इलाज चल रहा था। शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल थे जिन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली। वे लोकसभा के स्पीकर रह चुके थे और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में भी उन्होंने जिम्मेदारियां निभाईं। कांग्रेस पार्टी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र से आने वाले शिवराज पाटिल चाकुरकर 1973 से 1980 तक महाराष्ट्र विधानसभा के दो बार सदस्य रहे। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और स्पीकर की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद वे 1980 में शिवराज पाटिल सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वे लगातार छह बार (1984, 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999) लोकसभा चुनाव जीते। इस दौरान उन्होंने कई केंद्रीय मंत्री पदों पर भी काम किया। शिवराज पाटिल लोकसभा के स्पीकर भी रह चुके थे। उनकी जीत का यह सिलसिला 2004 में उस समय टूटा, जब वह भाजपा उम्मीदवार रूपाताई पाटिल निलंगेकर से हार गए।

राष्ट्रीय राजनीति में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। वे कांग्रेस पार्टी के विश्वसनीय चेहरों में गिने जाते थे। उनके शांत स्वभाव और संतुलित कार्यशैली की सराहना राजनीतिक क्षेत्र में हर दल के नेताओं ने कई बार की। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से साइंस की डिग्री प्राप्त की और मुंबई यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। 2004 में उन्हें गृहमंत्री बनाया गया था, लेकिन 2008 में मुंबई हमले के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय उनके इस कदम को राजनीतिक मर्यादा और जिम्मेदारी का उदाहरण माना गया।

बीते कुछ महीनों से शिवराज पाटिल गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही थी, जिस कारण उन्हें अस्पताल के बजाय घर पर ही चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया था। शुक्रवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।

Exit mobile version