नई दिल्ली, 13 जुलाई। 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से अनुरोध किया है कि वह ब्लड कैंसर से जूझ रहे गुजरे जमाने के सलामी बल्लेबाज व टीम इंडिया के पूर्व प्रमुख कोच अंशुमान गायकवाड़ को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए। 71 वर्षीय गायकवाड़ का पिछले एक वर्ष से लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
कपिल देव ने खेल पत्रिका ‘स्पोर्ट्स स्टार’ से बातचीत में कहा कि खुद उनके सहित गायकवाड़ के पूर्व साथी मोहिंदर अमरनाथ, सुनील गावस्कर, संदीप पाटिल, दिलीप वेंगसरकर, मदन लाल, रवि शास्त्री व कीर्ति आजाद पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटट के इलाज के लिए धन जुटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कपिल ने साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि बीसीसीआई इस मामले को देखेगा और गायकवाड़ को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
Former India captain @therealkapildev has urged #BCCI to support Aunshuman Gaekwad as he battles blood cancer.
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— Sportstar (@sportstarweb) July 12, 2024
कपिल देव ने कहा, ‘यह दुखद और बहुत निराशाजनक है। मुझे दर्द हो रहा है क्योंकि मैं अंशू के साथ खेला हूं और उसे इस हालत में देखना बर्दाश्त नहीं कर सकता। किसी को भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए। मुझे पता है कि बोर्ड उसका ख्याल रखेगा। हम किसी को भी मजबूर नहीं कर रहे हैं।’
‘अंशू के लिए कोई भी मदद आपके दिल से आनी होगी‘
उन्होंने आगे कहा, ‘अंशू के लिए कोई भी मदद आपके दिल से आनी होगी। तेज गेंदबाजों के सामने खड़े होने पर उसने अपने चेहरे और छाती पर गेंदें झेली। मुझे यकीन है कि हमारे क्रिकेट प्रशंसक उन्हें निराश नहीं करेंगे। उन्हें उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।’ पूर्व कप्तान ने ऐसी प्रणाली की कमी पर अफसोस जताया, जहां पूर्व खिलाड़ियों को अंशुमान जैसे मामलों में सहायता दी जाती है। कपिल ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि हालात नहीं सुधरे तो वह अपनी पेंशन छोड़ने को भी तैयार हैं।
‘यदि हालात नहीं सुधरे तो मैं अपनी पेंशन छोड़ने को भी तैयार‘
कपिल ने कहा, ‘खिलाड़ियों की इस पीढ़ी को अच्छा पैसा कमाते देखना बहुत अच्छा है। यह देखना अच्छा है कि सहयोगी स्टाफ के सदस्यों को भी अच्छा भुगतान किया जा रहा है। हमारे समय में, बोर्ड के पास पैसा नहीं था। लेकिन अब अतीत के वरिष्ठ खिलाड़ियों की देखभाल करनी चाहिए। यदि कोई ट्रस्ट बनता है तो वह भी वहां अपना पैसा लगा सकते हैं। यदि परिवार हमें अनुमति देता है तो हम अपनी पेंशन राशि दान करने के लिए तैयार हैं।’
गौरतलब है कि 1975 और 1987 के बीच भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 एकदिवसीय मैच खेलने वाले गायकवाड़ ने दो अलग-अलग कार्यकाल में भारत के मुख्य कोच के रूप में कार्य किया। फिलहाल वह रक्त कैंसर की असाध्य बीमारी से जूझ रहे हैं।