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हरियाणा के पूर्व मंत्री कांडा विमान परिचारिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बरी

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नई दिल्ली, 25 जुलाई। दिल्ली की एक अदालत ने विमान परिचारिका गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को मंगलवार को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने मामले में सह-आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष सभी उचित संदेहों से परे आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।

निचली अदालत ने कांडा के खिलाफ बलात्कार (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत लगाए आरोपों को खारिज कर दिया था। शर्मा पहले कांडा की एमएलडीआर विमानन कंपनी में कार्यरत थीं। वह पांच अगस्त 2012 को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने आवास पर मृत मिली थीं। शर्मा ने चार अगस्त 2012 को लिखे अपने सुसाइड नोट में कहा था कि वह कांडा और चड्ढा द्वारा ‘उत्पीड़न’ किए जाने के कारण आत्महत्या कर रही हैं। शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होने के बाद कांडा को हरियाणा के गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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