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दिल्ली के पूर्व कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली बोले – ‘मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहा’

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नई दिल्ली, 29 अप्रैल। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा है कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। उन्होंने साथ ही यह भी साफ किया कि यह आगामी लोकसभा चुनावों के लिए टिकटों को लेकर असंतोष के कारण नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका दर्द उन सिद्धांतों से उपजा है, जिनके लिए पार्टी पिछले कई वर्षों से लड़ रही है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने AAP को कभी भी क्लीन चिट नहीं दी

लवली ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने (लोकसभा चुनाव के लिए) टिकटों को लेकर असंतोष पर इस्तीफा नहीं दिया है। हम (कांग्रेस और AAP) साथ मिलकर (लोकसभा) चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं ने कभी भी AAP को क्लीन चिट नहीं दी या उन्हें स्कूल और अस्पताल बनाने का श्रेय नहीं दिया।’

अरविंदर सिंह ने कहा, ‘मेरा दर्द उस सैद्धांतिक रुख से उपजा है, जिसके लिए हम पिछले 7-8 वर्षों से लड़ रहे हैं। हमारे उम्मीदवार शीला दीक्षित की सरकार के बारे में बात करने के बजाय AAP को क्लीन चिट दे रहे हैं, वास्तविकता से इनकार कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता स्कूल और अस्पताल खोलने का श्रेय AAP को देने पर सहमत नहीं हुए, जो वास्तविकता से बहुत दूर है। हमारे 30 से 35 पूर्व विधायक मुझसे मिलने आए हैं।’

वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज के इस दावे का भी लवली ने जवाब दिया कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। लवली ने कहा, ‘मैं सौरभ भारद्वाज को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे लगता है कि वह अन्य पार्टियों की ओर से निर्णय लेते हैं। मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मैंने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलूंगा और उनसे चर्चा करूंगा। मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं।’

दीपक बाबरिया बोले – लवली ने कई लोगों को अनावश्यक प्रमोशन दिया

इस बीच हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने पुष्टि की कि अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा कांग्रेस हाईकमान ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद हमें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारा कोई काम रुक जाएगा या हमारे उम्मीदवार हार जाएंगे। मैंने उन्हें कई जगह रोका क्योंकि जिन लोगों को प्रमोशन नहीं मिलना चाहिए था, उन्हें प्रमोशन मिल रहा था और इसका पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ा।’