लखनऊ, 21 अगस्त। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे वयोवृद्ध कल्याण सिंह का शनिवार की शाम निधन हो गया। पिछले एक माह से ज्यादा समय से बीमार चल रहे भारतीय जनता पार्टी के 89 वर्षीय कद्दावर नेता ने पीजीआई लखनऊ मे अंतिम सांस ली।
कल्याण सिंह को गज जून माह के अंतिम सप्ताह में इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। लेकिन वहां हालत बिगड़ने पर उन्हें गत चार जुलाई को लोहिया संस्थान से एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया था। पीजीआई में शिफ्ट होने के बाद दिन पर दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। डॉक्टर लगातार उनकी देखभाल में लगे थे।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने समय-समय पर पीजीआई जाकर उनका हालचाल लिया था जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर कल्याण सिंह के बेटे से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। कल्याण सिंह के निधन की खबर मिलते ही भाजपा समेत तमात राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ गई है।
दुख की इस घड़ी में मेरे पास शब्द नहीं हैं। कल्याण सिंह जी जमीन से जुड़े बड़े राजनेता और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व के स्वामी थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका योगदान अमिट है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति! pic.twitter.com/Z3fq49n1yE
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2021
दो बार रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
स्मरण रहे कि भाजपा के तेज तर्रार नेताओं में शुमार कल्याण सिंह ने पहली बार जून,1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था। मुख्यमंत्री के तौर पर वह बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर सुर्खियों में रहे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए छह दिसंबर,1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था।
कल्याण सिंह इसके बाद सितम्बर, 1997 से नवंबर, 1999 तक दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बने। बाबरी विध्वंस मामले में वह सीबीआई जांच का भी सामना कर चुके थे। हालांकि बाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था।
राजस्थान व हिमाचाल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे
केंद्र में मोदी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद कल्याण सिंह को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। वह चार सितम्बर, 2014 से आठ सितम्बर 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। इस दौरान जनवरी, 2015 से 12 अगस्त, 2015 तक उन्हें हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
राममंदिर आंदोलन को दी अलग पहचान
वर्ष 1990 के दशक में भाजपा के राममंदिर आंदोलन को कल्याण सिंह ने ही अलग पहचान दी। अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने की जिम्मेदारी ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कल्याण सिंह का जन्म पांच जनवरी, सन् 1932 को अलीगढ़ में अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। कल्याण सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद अध्यापक की नौकरी की। साथ-साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर राजनीति के गुण भी सीखते रहे। कल्याण सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में रहकर गांव-गांव जाकर लोगों में जागरूकता पैदा करते रहे।
1976 में पहली बार विधायक बने, इमरजेंसी में 21 महीने जेल में रहे
कल्याण सिंह 1967 में अपना पहला विधानसभा चुनाव अतरौली से जीतकर उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे। कल्याण सिंह 1967 से लगातार 1980 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच देश में आपातकाल के समय 1975-76 में 21 महीने जेल में रहे। इस बीच कल्याण सिंह को अलीगढ़ और बनारस की जेलों में रखा गया। आपातकाल समाप्त होने के बाद 1977 में रामनरेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। उनकी सरकार में कल्याण सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। सन् 1980 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कल्याण सिंह विधानसभा का चुनाव हार गए। भाजपा के गठन के बाद कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाया गया