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महादेव सट्टा एप मामला – गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल

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नई दिल्ली, 3 अगस्त। शराब-कोयला घोटाला और महादेव सट्टा एप मामले में जांच में घेरे में आए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। गिरफ्तारी से बचने के क्रम में उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए दो याचिकाएं दायर की हैं।

अग्रिम जमानत के लिए दाखिल 3 याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को

जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जॉयमाला बागची के कोर्ट में सोमवर को अगस्त को उनकी याचिका पर सुनवाई होगी। वहीं उनके बेटे चैतन्य बघेल ने भी एक याचिका दायर की है। इस तरह बघेल परिवार से कुल तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है।

बेटे चैतन्य ने ईडी की गिरफ्तारी को गलत बतात हुए राहत मांगी

चैतन्य बघेल ने WP 295 नंबर की याचिका में ईडी की गिरफ्तारी को गलत करार देते हुए राहत देने की मांग की है। वहीं भूपेश बघेल ने एक याचिका में ईडी को पार्टी बनाया है और उनकी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं को दमनकारी बताया है। साथ ही पूर्व में SC में दायर PMLA एक्ट की धाराओं को चैलेंज करने वाली याचिका से जोड़ने की प्रार्थना की है।

भूपेश बघेल ने WP 303 नंबर की याचिका में यूनियन ऑफ इंडिया, CBI और छत्तीसगढ़ सरकार समेत यूपी सरकार को पार्टी बनाया है और नो कर्सिव एक्शन देकर राहत की मांग की है। दायर याचिका में पूर्व सीएम ने कहा कि जैसे उनके बेटे चैतन्य बघेल को राजनीतिक द्वेष में फंसाकर गिरफ्तार किया गया, वैसे ही उन्हें भी टारगेट किया जा सकता है।

बदलने की भावना से काररवाई की जताई आशंका

पूर्व सीएम बघेल का कहना है कि उनके खिलाफ बदले की भावना से काररवाई हो सकती है। भूपेश बघेल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और केंद्र और राज्य सरकारों समेत सभी जांच एजेंसियों की तरफ से असिस्टेड सॉलिसिटर जनरल पैरवी करेंगे।

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