ढाका, 25 दिसम्बर। पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के पुत्र व बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 वर्षों बाद गुरुवार को स्वदेश लौटे। बिमान बांग्लादेश की फ्लाइट से तारिक पूर्वाह्न 11.41 बजे ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे। उनके स्वागत में बीएनपी के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों का हुजूम सड़कों पर उमड़ पड़ा।
बीएनपी आम चुनाव में जीती तो तारिक बन सकते हैं पीएम
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में अगले वर्ष 12 फरवरी को आम चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव से पहले तारिक रहमान की वतन वापसी मायने रखती है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को आगमा चुनाव में भागीदारी से प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे में बीएनपी यदि चुनाव में जीत हासिल करती है तो तारिक रहमान बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। उनकी मां खालिदा जिया की सेहत अभी ठीक नहीं है और बीएनपी की कमान तारिक के हाथों में ही है।
खालिदा जिया चार दशक से ज्यादा समय से बांग्लादेश की राजनीति में
गौरतलब है कि खालिदा जिया बीते चार दशक से ज्यादा समय से बांग्लादेश की राजनीति में हैं। अपने पति के मारे जाने के बाद उन्होंने बीएनपी की कमान अपने हाथों में ली थी। 1981 में जियाउर रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे और तभी उनकी हत्या कर दी गई थी।
बेगम जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं
बेगम खालिदा जिया बांग्लादेश में बहुदलीय लोकतंत्र की समर्थक रही हैं। बेगम जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। 1991 में बीएनपी को चुनाव में जीत मिली थी। इसके बाद वह 2001 में सत्ता में लौटी थीं और 2006 तक रही थीं। बीएनपी ने पिछले तीन चुनावों का बहिष्कार किया है। 2024 में शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का खालिदा जिया ने समर्थन किया था। बीएनपी बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी है और कहा जा रहा है कि आगामी चुनाव में बीएनपी की सत्ता में वापसी हो सकती है।
शेख हसीना जब पीएम थीं तो खालिदा जिया जेल में थीं
शेख हसीना जब प्रधानमंत्री थीं तो खालिदा जिया जेल में थीं। खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को भी कई मामलों में अदालत ने दोषी ठहराया था, लेकिन मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार ने खालिदा और उनके बेटे को बरी कर दिया।
18 माह जेल में व्यतीत करने के बाद तारिक 2008 में लंदन चले गए थे
बांग्लादेश में जनवरी, 2007 में सत्ता संभालने वाली सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद तारिक ने करीब 18 माह जेल में बिताए थे। उन्हें तीन सितम्बर, 2008 को रिहा किया गया था। वह आठ दिन बाद 11 सितम्बर, 2008 को परिवार के तमाम सदस्यों के साथ ढाका से लंदन रवाना हो गए थे। तभी से वह लंदन में ही रह रहे थे।

