नई दिल्ली, 15 मार्च। भारत ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर अमेरिका की टिप्पणी का करारा जवाब दिया है। इस क्रम में विदेश मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम भारत का आंतरिक मामला है और इसे लेकर अमेरिका का बयान गलत और अनुचित है। यह देश की समावेशी परंपराओं, मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और इसके कार्यान्वयन पर संयुक्त राज्य अमेरिका का बयान गलत, गलत जानकारी वाला और अनुचित है।
CAA से नागरिकता मिलेगी, इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी
जायसवाल ने कहा, ‘यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई समुदायों से संबंधित प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसम्बर, 2014 को या उससे पहले भारत में आ चुके हैं। CAA से नागरिकता मिलेगी, इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी।’
उन्होंने कहा कि CAA राज्यविहीनता के मुद्दे को संबोधित करता है, मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर चिंता का कोई आधार नहीं।