नई दिल्ली, 5 मार्च। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे उन दावों को खारिज कर दिया है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए रूस ने बुधवार, 2 मार्च को छह घंटे के लिए युद्धविराम किया था।
दरअसल, बुधवार की शाम से सोशल मीडिया पर ऐसे दावे किए जा रहे थे, जिसमें कहा जा रहा था कि खारकीव में फंसे हुए भारतीयों को निकालने की भारत को मंजूरी देने के लिए रूस ने छह घंटे के लिए युद्ध पर रोक लगा दी है। इस दौरान ढेरों लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की तारीफ करते हुए पोस्ट कर रहे थे।
पोस्टकार्ड न्यूज के फाउंडर महेश विक्रम हेगड़े ने तीन मार्च को एक ट्वीट में लिखा कि जब चीन, अमेरिका व ब्रिटेन जैसे राष्ट्र यूक्रेन में प्रवेश करने से डरते थे, तो भारत अपने 60 फीसदी से अधिक नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में कामयाब रहा। अब भारतीय पीएम ने पुतिन से बात की और 6 घंटे से अधिक समय तक युद्ध को रोकने में कामयाब रहे ताकि सभी भारतीय छात्र सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें। यही है मोदी जी की ताकत।
When nations like China, USA, UK were scared to enter Ukraine, India managed to evacuate over 60% of its citizens from Ukraine
Now Indian PM spoke to Putin & managed to stop the war for over 6 hours so that all Indian students can reach a safe place
That's the power of Modi ji
— Mahesh Vikram Hegde 🇮🇳 (@mvmeet) March 3, 2022
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने भी कुछ इसी तरह का दावा अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया। इसके साथ ही आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर और टीवी9 के पत्रकार आदित्य राज कौल, न्यूज 18 के एंकर अमीश देवगन सहित कई अन्य लोगों ने इसी तरह के दावे अपने ट्वीट में किए।
हा नवीन भारत आहे!
युक्रेनमधून भारतीयांना सुरक्षितपणे बाहेर काढण्यासाठी 6 तास रशियाने युद्ध थांबवलं.पंतप्रधान श्री. @narendramodi जी यांनी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ब्लादीमीर पुतीन यांच्याशी बोलल्यावर हे शक्य झालं.
रशियन एअरफोर्स विमान व सैनिकी वाहनाने बाहेर काढण्याचं जाहीर केलं. pic.twitter.com/rf3i0Ad8k7
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) March 3, 2022
India today managed to stop THE WAR for 6 hours in #Kharkiv to let rescue Indian students.
Power of Indian Diplomacy 🇮🇳 #OperationGanga #indiansinkharkiv #RussiaUkraine pic.twitter.com/kShjVQacYh
— Organiser Weekly (@eOrganiser) March 2, 2022
हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा, ‘हमें खास जानकारी मिली है कि यह एक ऐसा मार्ग है, जो उपलब्ध है… हमने अपने नागरिकों को बताया और मुझे खुशी है कि बहुत से लोग इससे निकल सके। लेकिन यह कहना कि कोई बमबारी रोक रहा है या यह ऐसी चीज है, जिसके लिए हम बातचीत कर रहे थे, बिल्कुल गलत है।’