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SCO समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, पीएम मोदी नहीं जाएंगे कजाखस्तान

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नई दिल्ली, 29 जून। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर अगले सप्ताह कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इसकी वजह यह है कि पीएम मोदी आठ से नौ जुलाई तक रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं और वहीं से नौ जुलाई को दो दिवसीय यात्रा पर उनके ऑस्ट्रिया जाने की संभावना है।

पीएम मोदी का रूस व ऑस्ट्रिया दौरा प्रस्तावित

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी ने रूस और ऑस्ट्रिया की अपनी दो देशों की यात्रा की योजना के मद्देनजर एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल न होने का फैसला किया है। हालांकि मोदी की दोनों देशों की यात्रा पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

3-4 जुलाई को है एससीओ शिखर सम्मेलन

उल्लेखनीय है कि तीन और चार जुलाई को प्रस्तावित एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति, कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे।

एससीओ शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच समग्र सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा होने की उम्मीद है। एससीओ में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जो एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है और सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने कजाख राष्ट्रपति को भारत के पूर्ण समर्थन से अवगत कराया

आमतौर पर भारतीय प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं। फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव को शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए भारत के पूर्ण समर्थन से अवगत कराया। कजाखस्तान समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत पिछले वर्ष एससीओ का अध्यक्ष था, तब उसने जुलाई में वर्चुअल प्रारूप में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। एससीओ के साथ भारत का जुड़ाव एक पर्यवेक्षक देश के रूप में 2005 में शुरू हुआ। यह 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में एससीओ का पूर्ण सदस्य देश बन गया।