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विदेश मंत्री जयशंकर बोले – यदि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ता रहा तो बढ़ेंगी तेल की कीमतें

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बेंगलुरु, 16 अप्रैल। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि यदि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ना जारी रहा तो भारत के लिए इसके बड़े परिणाम होंगे क्योंकि तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी। यहां वरिष्ठ संपादकों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इससे आयात लागत, शिपिंग लागत, बीमा लागत, ऊर्जा लागत बढ़ेगी और फिर से तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी।

ईरान के कब्जे वाले जहाज से 17 भारतीयों को वापस लाने पर मुख्य फोकस

जयशंकर ने कहा इस समय भारत की मुख्य चिंता और फोकस वह जहाज (होर्मुज जलडमरूमध्य के पास ईरान द्वारा जब्त किया गया) है, जिसमें चालक दल के रूप में 17 भारतीय हैं और उन्हें वापस कैसे लाया जाए। मध्य पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर उन्होंने कहा कि इजराइल पर तनाव कम करने का बहुत दबाव है, लेकिन इजराइल की भावना बाकी दुनिया से अलग है। अगले कुछ दिनों में इजराइल के भीतर का दबाव बनाम बाकी दुनिया का दबाव दिखेगा कि यह कैसे काम करेगा।

विदेश मंत्री से पूछा गया कि तेल की कीमतों में वृद्धि की दशा में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ेगी और इसका असर भाजपा की संभावनाओं पर पड़ेगा। इस पर उनका कहना था, ‘हम पहले से ही चुनावों के इतने करीब हैं…हम महीनों पर नजर डाल रहे हैं, हफ्तों पर नहीं। मुझे नहीं लगता कि इसका चुनाव पर कोई असर होगा।’

‘राष्ट्रीय स्तर पर लोग कांग्रेस की गारंटी पर विश्वास नहीं करते

जयशंकर ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर लोग कांग्रेस की गारंटी पर विश्वास नहीं करते क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर लोग मुफ्त राशन, आवास, बिजली, पानी और सड़क को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़ते हैं। मैं लगभग 50 वर्षों से सरकार में हूं। अक्सर लोग कहते हैं, हमारी भी कोई योजना थी। हां, उनके पास एक योजना थी। मैंने राज्य में अपना करिअर बेलगावी में एक प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में शुरू किया। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवराज अर्स के पास दलित ग्रामीणों को घर देने की एक योजना थी, लेकिन आपको एक साल में पांच घर मिलते थे। आज, उसी स्थान पर आपको 5000 घर मिलते हैं।’

कर्नाटक के साथ केंद्र के अन्याय आरोपों को किया खारिज

भाजपा नेता ने सूखा राहत कोष जारी करने और कर हस्तांतरण में कर्नाटक के साथ केंद्र के अन्याय के विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सूखा राहत राज्य को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) से प्रदान की जानी चाहिए और इसमें केंद्र सरकार का योगदान दिया गया था। गृह मंत्रालय ने भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कर्नाटक सहित अन्य राज्यों को देने के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के तहत धन जारी करने की अनुमति मांगी है।

‘पार्टी में आम धारणा है कि मैं चुनाव लड़े बिना ज्यादा उपयोगी रहूंगा

बेंगलुरु से खुद के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर जयशंकर ने कहा कि पहले मुद्दा यह था कि चुनाव लड़ा जाए या नहीं लड़ा जाए, फिर अगला मुद्दा यह था कि कहां से चुनाव लड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी में आम धारणा यह है कि वह एक जगह से चुनाव लड़ने की बजाय कई जगहों पर तैनात रहते हुए अधिक उपयोगी रहेंगे।

जयशंकर ने तिरुवनंतपुरम से भी चुनाव लड़ने की अटकलों का जवाब देते हुए कहा, ‘लोग गलत निष्कर्ष निकाल रहे थे। तिरुवनंतपुरम में पिछले दो चुनावों में भाजपा को लगभग 30% वोट मिले और त्रिकोणीय मुकाबले में चुनौती अतिरिक्त 7% से 8% वोट प्राप्त करने की थी, जो आपको आगे ले जाती है। राजीव (चंद्रशेखर) के पास एक संभावना है। उसे युवा लोग मिलते है।’

लाभों से कहीं अधिक हैं दोहरी नागरिकता की समस्याएं

दोहरी नागरिकता देने के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि अब सामान्य समझ यह है कि दोहरी नागरिकता की समस्याएं, लाभों से कहीं अधिक हैं। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, मुझे ऐसा होता नहीं दिख रहा है, लेकिन मैं इसे हमेशा के लिए खारिज नहीं कर रहा हूं।’

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