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विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले – ‘मुझे यकीन नहीं कि नरेंद्र मोदी के अलावा कोई अन्य पीएम मुझे मंत्री बनाता’

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नई दिल्ली, 29 जनवरी। विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर को यकीन नहीं है कि पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा कोई अन्य प्रधानमंत्री उन्हें मंत्री नियुक्त करता। उन्होंने कहा कि विदेश सचिव बनना उनकी महत्वाकांक्षा की सीमा थी, लेकिन वह कभी मंत्री बनेंगे, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था।

विदेश सचिव बनना मेरी महत्वाकांक्षा थी, लेकिन कभी मंत्री बनने के बारे में नहीं सोचा

डॉ. जयशंकर ने शनिवार को पुणे में अपनी अंग्रेजी पुस्तक ‘द इंडिया वे : स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ के मराठी अनुवाद ‘भारत मार्ग’ के विमोचन समारोह में कहा कि विदेश सचिव बनना उनकी महत्वाकांक्षा की सीमा थी। मंत्री के रूप में नियुक्त होने से पहले जयशंकर ने विदेश मंत्रालय में विदेश सचिव के रूप में कार्य किया। जयशंकर की इस किताब का मराठी में ‘भारत मार्ग’ के रूप में अनुवाद किया गया है।

जयशंकर ने कहा, ‘मेरे लिए विदेश सचिव बनना, स्पष्ट रूप से मेरी महत्वाकांक्षा की सीमा थी, मैंने कभी मंत्री बनने का सपना भी नहीं देखा था। मुझे यकीन नहीं है कि नरेंद्र मोदी के अलावा किसी भी प्रधानमंत्री ने मुझे मंत्री बनाया होता।’ अपनी टिप्पणी में जयशंकर ने आगे कहा, ‘मैं वास्तव में कभी-कभी खुद से भी पूछता हूं कि अगर वह प्रधानमंत्री नहीं होते तो क्या मुझमें राजनीति में प्रवेश करने की हिम्मत होती, मुझे नहीं पता।’

सुषमा जी के साथ मेरा बहुत अच्छा संयोजन था

जयशंकर ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव के रूप में काम करने के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एक बहुत-बहुत अच्छी मंत्री सुषमा जी थीं और हम व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छी तरह से साथ थे। मैं कहूंगा कि हमारा संयोजन बहुत अच्छा था, एक मंत्री-सचिव संयोजन। लेकिन, मैंने एक बात सीखी कि जिम्मेदारियों में अंतर होता है, वहां सचिव और मंत्री होने के समग्र अर्थ में अंतर है।’

चीन एक असामान्य पड़ोसी है

चीन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘चीन एक असामान्य पड़ोसी है। हमारे कई पड़ोसी हैं, लेकिन चीन वैश्विक शक्ति या महाशक्ति बन सकता है। वैश्विक शक्ति के बगल में रहने की अपनी चुनौतियां हैं।’