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रूस-यूक्रेन युद्ध पर न्यूजीलैंड में बोले विदेश मंत्री जयशंकर – भारत से रूसियों पर दबाव बनाने का अनुरोध किया गया

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक बार फिर भारत का पक्ष रखते हुए कहा है कि भारत ने अन्य देशों के ‘अनुरोध’ पर काम करते हुए रूस पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा के लिए दबाव डाला, जो यूक्रेन के साथ रूस के चल रहे युद्ध के दौरान युद्ध क्षेत्र के पास था।

‘इस समय हम जो कुछ भी कर सकते हैं, करने को तैयार हैं

न्यूजीलैंड के दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने गुरुवार को ऑकलैंड में बिजनेस लीडर्स के साथ एक कार्यक्रम में कहा, ‘जब मैं संयुक्त राष्ट्र में था, उस समय सबसे बड़ी चिंता जापोरिज्जिया परामणु संयंत्र की सुरक्षा को लेकर थी क्योंकि इसके बिल्कुल पास ही कुछ लड़ाई चल रही थी। हमसे उस मुद्दे पर रूसियों पर दबाव बनाने का अनुरोध किया गया था, जो हमने किया। विभिन्न समयों पर अन्य चिंताएं भी रही हैं, जिन्हें या तो विभिन्न देशों ने हमारे साथ उठाया है या संयुक्त राष्ट्र ने हमारे साथ उठाया है। मुझे लगता है कि इस समय हम जो कुछ भी कर सकते हैं, करने को तैयार हैं।’

हम यूक्रेन संकट को काफी हद तक पूरब-पश्चिम के मुद्दे की तरह देखते हैं

यूक्रेन में जारी संघर्ष पर भारत के तटस्थ रुख को बनाए रखते हुए जयशंकर ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि विभिन्न देश थोड़ी अलग प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा, ‘हम स्वाभाविक तौर पर यूक्रेन संकट को काफी हद तक पूरब-पश्चिम के मुद्दे की तरह देखते हैं। लेकिन मेरा मनना है कि यूक्रेन संकट के असर का उत्तर-दक्षिण (उत्तरी गोलार्ध के विकसित और दक्षिण गोलार्ध के विकासशील देश) पहलू भी है। इस स्थिति में हम देखेंगे कि भारत क्या कर सकता है, जो स्पष्ट रूप से भारतीय हित में होगा, लेकिन दुनिया के सर्वोत्तम हित में भी होगा।’

इस वर्ष फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से भारत ने शांति और कूटनीति के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने की आवश्यकता का आह्वान किया है। इसी क्रम में दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। पीएम ने शांति प्रयासों में योगदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया और कहा कि संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।

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