लखनऊ, 26 मई। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मिली पराजय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व ने सबक लिया है। इस क्रम में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों को गति देने के लिए सात केंद्रीय मंत्रियों और तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की ड्यूटी लगा दी गई है।
80 लोकसभा सीटों को 21 क्लस्टर में बांटा गया
इन केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सूबे की सभी 80 संसदीय सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए 21 क्लस्टर में रखा गया है। भाजपा इन 21 क्लस्टर के जरिए चुनावी जमीन को उपजाऊ बनाएगी। भाजपा नेताओं के अनुसार चुनाव छोटा हो या बड़ा पार्टी पूरी तैयारी और मुस्तैदी से चुनाव लड़ती है। आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर यूपी पार्टी के लिए बेहद अहम है।
यूपी में मौजूदा समय 80 में 66 सीटों पर भाजपा काबिज
यूपी में इस समय 80 में 66 सीटों पर भाजपा काबिज है। पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों में सूबे की सभी 80 सीटों पर पार्टी का झंडा फहराने का लक्ष्य रखा है, इसलिए हर सीट की मजबूती-कमजोरी का जमीनी आकलन किया जा रहा है। हर एक वोट को सहेजना और हर सीट को जीतने के लिए दम लगाने की चुनावी रणनीति के तहत पार्टी ‘सीट टू सीट’ मार्किंग में जुट गई है।
हर लोकसभा क्लस्टर के लिए 3 सदस्यीय टीम
यह कार्य आसानी से किया जा सके, इसके लिए पार्टी ने 80 लोकसभा सीटों को 21 क्लस्टर में बांटा है। हर क्लस्टर में तीन से चार जिलों की लोकसभा सीटों को रखा गया। भाजपा नेताओं के हर लोकसभा क्लस्टर में तीन सदस्यीय टीम बनाई है। इसमें पहला सदस्य केंद्रीय मंत्री, दूसरे राज्यों की सरकार में मंत्री, पूर्व सीएम या पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जैसे कद का नेता है।
दूसरे सदस्य के रूप में राष्ट्रीय संगठन या मोर्चे के मौजूदा या पूर्व पदाधिकारी, दूसरे प्रदेशों में अहम पद पर शुमार या सांसद/विधायक आदि को शामिल किया गया है। तीसरे सदस्य के तौर पर पूर्व जिलाध्यक्ष, स्थानीय या क्षेत्रीय स्तर पर संगठन के पदाधिकारी रहे चेहरे को जगह दी गई है। क्लस्टर का काम राष्ट्रीय पदाधिकारियों के समन्वय व कार्यक्रमों का समायोजन करने का होगा।
क्लस्टर के मुखिया की देखरेख में क्षेत्रवार संपर्क व कार्यक्रम चलाए जाएंगे
क्लस्टर के मुखिया की देखरेख में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्रवार संपर्क व कार्यक्रम चलाए जाएंगे। पहले चरण में क्लस्टर के सदस्य 30 मई से 30 जून तक पार्टी का महाजनसंपर्क अभियान में शामिल होकर सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाएंगे। हर क्लस्टर फोकस उन बूथों पर भी होगा, जहां पिछली बार भाजपा के पक्ष में कम वोट पड़े थे।
उन हिस्सों को भी चिह्नित किया जाएगा, जहां मतदाताओं में स्थानीय मुद्दों या किसी अन्य कारण से नाराजगी का खतरा है। दोनों ही आशंकाओं को संपर्क व संवाद से दूर करने की कोशिश की जाएगी। इस कवायद के जरिए पार्टी का पूरा लक्ष्य हर सीट पर ऐसा ‘नया वोट बैंक’ तैयार करने का है, जो उन वोटों की भरपाई कर सके, जिनके किसी वजह से खिसकने की आशंका है। भाजपा नेताओं का कहना है की इस रणनीति के जरिए परिणाम को माकूल बनाना आसान होगा।
इन मंत्रियों और पूर्व सीएम को मिली जिम्मेदारी
यूपी में सात केंद्रीय मंत्रियों आरके सिंह, अश्वनी वैष्णव, मीनीक्षी लेखी, नरेंद्र सिंह तोमर, एसपी सिंह बघेल, अन्नपूर्णा देवी व जितेंद्र सिंह को लगाया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, रमेश पोखरियाल व रघुबर दास को भी एक-एक क्लस्टर की जिम्मेदारी दी गई है।
- आरके सिंह : जालौन, झांसी, अकबरपुर, कानपुर।
- अश्विनी वैष्णव : सहारनपुर, नगीना बिजनौर।
- मीनाक्षी लेखी : फिरोजाबाद, आगरा, फतेहपुर, एटा।
- जितेंद्र सिंह : संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी, अमरोहा।
- नरेंद्र सिंह तोमर : रायबरेली, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, लालगंज।
- एसपी सिंह बघेल : भदोही, मछली शहर, वाराणसी, चंदौली।
- अन्नपूर्णा देवी : जौनपुर, गाजीपुर, घोसी।
- त्रिवेंद्र सिंह रावत : बांसगांव, देवरिया, बलिया, आजमगढ़, सलेमपुर।
- रमेश पोखरियाल : फतेहपुर, कौशांबी, बांदा, हमीरपुर।
- रघुवर दास : डुमरियागंज, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज।