नई दिल्ली, 11 अगस्त। केंद्र सरकार ने पहली बार स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ मरीजों की मौत हुई थी। इस क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में जानकारी दी कि आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ लोगों की मौत हुई थी, जो वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
आंध्र प्रदेश के एसवीआरआर अस्पताल में हुई कुछ मरीजों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि 9 अगस्त, 2021 को आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा यह जानकारी सौंपी गई है, जिसे अब संसद के जरिए बताया जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि
आंध्र प्रदेश सरकार के अनुसार 10 मई, 2021 को एसवीआरआर अस्पताल में कुछ मरीजों की मौत हुई थी, जो वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि ऑक्सीजन टैंक और बैकअप सिस्टम में बदलाव के बीच ऑक्सीजन लाइन में प्रेशर कमज़ोर हुआ था, जिसकी वजह से मरीजों को तकलीफ हुई।
गौरतलब है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ही केंद्र सरकार ने संसद में बयान दिया था कि राज्य सरकारों द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें किसी में भी ये नहीं कहा गया कि किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है। हालांकि राज्य सरकारों ने स्वीकारा है कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन का भारी संकट था, लेकिन किसी मरीज की मौत के पीछे इसे कारण नहीं माना गया।
सरकार के इसी जवाब पर तब काफी हंगामा मचा था। विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था जबकि भाजपा का कहना था कि केंद्र ने राज्य सरकारों द्वारा दिए गए आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट पेश की है।