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पश्चिम बंगाल में बाढ़ : 10,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, राज्यपाल प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे

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नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (पीटीआई)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में बाढ़ जैसे हालात पर चिंता जताते हुए बुधवार को कहा कि 10,000 लोगों को बचाया गया है और राज्य के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों के नौ जिलों में 190 राहत कैंपों में रखा गया है।

पैर की चोट से उबर रहीं बनर्जी ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से घर से चौबीसों घंटे हालात की निगरानी कर रही हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि राज्य में बाढ़ के हालात को नियंत्रित करने के उपाय के तहत राज्य सरकार के कई अधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं।पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार को राज्य के उत्तरी हिस्से में बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने वाले हैं।

पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा सिक्किम के साथ सीमा साझा करता है। यहांं तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। करीब 80 और लोग लापता हैं।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि निचले इलाकों से 10,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है।

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि राज्य के उत्तरी हिस्से में कलिमपोंग, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों से कुल 5,800 लोगों को निकाला गया जबकि दक्षिण में हावड़ा, हुगली, पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया और बांकुरा जिलों में 5,018 और लोगों को बचाया गया है।

सीएम ममता बनर्जी ने अधिकारियों को बाढ़ के कारण लोगों की शिकायत दर्ज कराने के लिए 24 घंटे का कंट्रोल रूम शुरू करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “इस एरिया में भी 98 घर वॉशआउट हो गए हैं। उन लोगों को भी स्कूलों में कमेटी बनाकर रख रहे हैं, उन लोगों को भी फूड ग्रेन हम लोग रात में सिलिगुड़ी से लोड करके ला रहा है। फर्स्ट प्रायॉरिटी ये है कि आदमी लोगों को शिफ्ट करके, फूड ग्रेन उन तक पहुंचना है, खाना-पीना ठीक करना है, लोगों को कपड़ा देना है। हम लोग फर्स्ट प्रायॉरिटी उस पर देख रहा है। 11 मिसिंग है और एक बच्चा का कैजुअलिटी भी हो गया। जो थ्री मिसिंग था, वो रिकवरी हो गया। अभी तक मेरे पास यही डाटा है, कंप्लीट डाटा कल सुबह तक आएगा, मैं आप लोगों को दे दूंगी।”

वहीं सिक्किम की राजधानी गंगटोक और उत्तरी पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े शहर सिलीगुड़ी को जोड़ने वाला एनएच-10 लिखूवीर-सेतीझोरा खंड के पास पूरी तरह से बह गया है। जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि तीस्ता में पानी घटने पर युद्ध स्तर पर तत्काल मरम्मत शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि राज्य में पर्याप्त राहत कैंप खोले गए हैं और प्रभावित लोगों से कोई जोखिम नहीं लेने और इन कैंपों में जाने का अनुरोध किया।राज्य के उत्तरी हिस्से में 28 और दक्षिण में 190 राहत कैंप खोले गए हैं।

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वे कलिमपोंग, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी (उत्तर बंगाल) को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने कई वरिष्ठ मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों को बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए वहां जाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है कि आपदा में किसी की जान न जाए।

राजभवन के एक अधिकारी ने पीटीआई वीडियो को बताया कि बुधवार शाम कोच्चि से नई दिल्ली पहुंचे राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस गुरुवार सुबह कोलकाता लौटेंगे और वहां बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए सीधे उत्तर बंगाल जाएंगे।राज्यपाल बोस ने बुधवार को सिक्किम सहित पश्चिम बंगाल के कई पड़ोसी राज्यों के राज्यपालों से फोन पर बात की ताकि बाढ़ के हालात को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

अधिकारी के मुताबिक बाढ़ के हालात को लेकर राज्यपाल ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी एच. के. द्विवेदी से जानकारी मांगी है और राज्य सरकार की तरफ से एहतियात के तौर पर उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुताबिक दक्षिण 24 परगना जिलों, सुंदरबन और सागर द्वीप के कुछ हिस्से भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

राज्य सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य सचिवालय नबन्ना में 24/7 कंट्रोल रूम काम कर रहा है और हेल्पलाइन नंबर (033) 22143526 और 1070 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा पर्यटन विभाग में एक और 24/7 कंट्रोल रूम काम कर रहा है और यहां हेल्पलाइन नंबर 1800-212-1655 और +91-9051888171 पर संपर्क किया जा सकता है। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम भी शुरू किए हैं।वरिष्ठ मंत्री पार्थ भौमिक, अरूप बिस्वास, उदयन गुहा, गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के अध्यक्ष अनित थापा और वरिष्ठ नौकरशाह राहत और बचाव अभियानों का जायजा लेने के लिए उत्तर बंगाल पहुंचे।

 

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