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भारत में नहीं दिखेगा वर्ष का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दुनियाभर के कई देश देखेंगे ‘ब्लड मून’

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नई दिल्ली, 15 मई। चालू वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन 16 मई, सोमवार को लगने वाला है। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा। हालांकि दुनियाभर के कई देशों में नजर आने वाला है। वैज्ञानिक इसे ‘ब्लड मून’ भी कह रहे हैं।

भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं, ग्रहण की अवधि पांच घंटे से ज्यादा

भारतीय समयानुसार सोमवार को सुबह सात बजकर दो मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का कुल अवधि करीब पांच घंटे से ज्यादा रहेगी। चूंकि दिन के समय चंद्र ग्रहण लग रहा है, लिहाजा यह भारत में नजर नहीं आएगा। यही वजह है कि यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

वैज्ञानिकों की मानें तो वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से, अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर समेत अंटार्कटिका और एशिया की कुछ जगहों से दिखाई देगा।

NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं

भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन अगर आप इस ग्रहण को देखना चाहते हैं तो 16 मई को अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जाकर इसे देख सकते हैं या फिर सीधे नासा की वेबसाइट nasa.gov/nasalive पर जाकर भी इसे देखा जा सकता है।

इसलिए कहा जा रहा है ब्लड मून

चंद्र ग्रहण उस वक्त होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक देती है। जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के किनारों से होकर चांद तक पहुंचती है तो इसका नीला और हरा रंग वातावरण में बिखर जाता है क्योंकि इनकी वेवलेंथ कम होती है। चूंकि लाल रंग की वेवलेंथ ज्यादा होती है और वह चंद्रमा तक पहुंच पाता है। ऐसे में चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देने लगता है। इसलिए इसे ‘ब्लड मून’ भी कहते हैं।

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