नई दिल्ली, 29 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) के तहत स्कूलों के लिए शनिवार को 630 करोड़ की धनराशि की पहली किस्त जारी की। इस योजना के तहत 14500 स्कूलों को आधुनिक व बेहतर बनाया जाएगा। मंत्रालय ने इस योजना के लिए देशभर से करीब 9,000 स्कूलों का चयन किया है।
ढाई लाख आवेदकों में से लगभग नौ हजार स्कूलों का चयन
पीएम श्री का दर्जा पाने के लिए आवेदन के योग्य पाए गए केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों समेत 2.5 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में से इन स्कूलों को चुना गया है। इन स्कूलों का मूल्यांकन छह व्यापक मापदंडों के आधार पर किया गया।
पीएम मोदी ने नवनिर्मित भारत मंडमप में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन अवसर पर कहा, ‘शिक्षा ही है, जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है। देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसमें शिक्षा की अहम भूमिका है, आप इसके प्रतिनिधि हैं। अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।’
उन्होंने कहा, ‘नई शिक्षा नीति (NEP) ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है…रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए देश के शिक्षा जगत के सभी महानुभावों ने बहुत मेहनत की है…हमारे छात्र नई व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं, वे जानते हैं कि 10+2 शिक्षा प्रणाली की जगह अब 5+3+3+4 लाई जा रही है।’
क्या है PM-SHRI योजना
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार यह योजना 14500 मौजूदा स्कूलों को कवर करेगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख विशेषताओं पुनर्विकास किया जाएगा। पीएम एसएचआरआई योजना शुरू करने की योजना पर सबसे पहले राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ चर्चा की गई थी। पीएम एसएचआरआई एनईपी प्रयोगशालाओं के रूप में कार्य करेगा।
PM-SHRI से स्कूलों और छात्रों को क्या लाभ होगा?
पीएण मोदी ने कहा कि योजना के तहत जो संस्थान विकसित किए जाएंगे, वे ‘मॉडल स्कूल’ बनेंगे और एनईपी के सार को समझेंगे। पीएम के मुताबिक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा क्षेत्र को बदल दिया है। स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र दृष्टिकोण अपनाएंगे।
स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा
स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा। इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, पोर्टल को वर्ष में चार बार, यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा। स्कूलों के चयन के लिए 60 मानक निर्धारित किये गए हैं, जिसमें पक्की इमारत, पेयजल सुविधा, लड़के-लड़कियों के लिए अलग अलग शौचालय, खेल का मैदान, दिव्यांग बच्चों के लिए सुविधाएं आदि शामिल हैं।
स्कूलों के दावों का सत्यापन राज्य/केंद्रशासित प्रदेश/केवीएस/जेएनवी करेंगे और स्कूलों की सूची मंत्रालय को सुझाएंगे। पायलट परियोजना के आधार पर पीएम-श्री स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जायेगी। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर हर स्कूल के हर छात्र के प्रदर्शन का ब्योरा होगा।