नई दिल्ली, 7 जुलाई। मोदी सरकार-2 के दो वर्ष पूरे होने के बाद पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में बुधवार को विस्तार के साथ बदलाव की तैयारी पूरी कर ली गई है। आधिकारिक घोषणा के अनुसार शाम छह बजे आयोजित समारोह में मंत्रिमंडल के नए सदस्य शपथ लेंगे। कैबिनेट में कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। साथ ही अगले वर्ष जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां से ज्यादा लोगों को कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है।
इस बीच कैबिनेट विस्तार से पहले उन कई नेताओं ने प्रधानमंत्री आवास जाकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना लगभग तय है। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा व भाजपा नेता बीएल संतोष भी पीएम आवास पर मौजूद रहे।
पीएम मोदी से भेंट करने वाले नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायण राणे, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, अजय भट्ट, कपिल पाटिल, शांतनु ठाकुर, पशुपति पारस पासवान, मीनाक्षी लेखी, शोभा करांडलजे व अनुप्रिया पटेल आदि शामिल थे।
सिंधिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे कांग्रेस छोड़कर पिछले वर्ष भाजपा में शामिल हुए थे और दोनों ही अब भाजपा कोटे से राज्यसभा के सदस्य हैं। पशुपति पारस लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत नेता रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। बीते माह उन्होंने चार अन्य सांसदों के साथ मिलकर भतीजे चिराग पासवान से बगावत कर दी थी और खुद पार्टी के अध्यक्ष एवं संसदीय दल के नेता बन बैठे थे।
इसके अलावा बिहार में भाजपा के साथ सत्ता साझा करने वाला जनता दल यूनाइटेड भी इस बार कैबिनेट का हिस्सा बन सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी पिछली बार कैबिनेट में शामिल नहीं हो पाई थी।
- पिछले कई दिनों से जारी थी कैबिनेट विस्तार की हलचल
देखा जाए तो पिछले कई दिनों से कैबिनेट विस्तार को लेकर हलचल जारी थी। लगातार कई नाम सामने आ रहे थे। उम्मीद जताई जा रही है कि करीब 20 नए मंत्री इस बार मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं, जबकि कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। साथ ही कई लोगों के मंत्रालय भी बदले जा सकते हैं।
- कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले सहकारिता मंत्रालय का सृजन
कैबिनेट विस्तार से ठीक एक दिन पहले ही मोदी सरकार ने नया मंत्रालय भी सृजित कर दिया है। नवसृजित सहकारिता मंत्रालय का मिशन सहकार से समृद्धि के मंत्र को पूरा करना है। ऐसे में इस नए मंत्रालय की कमान किसके हाथ में जाती है, यह भी देखने लायक होगा।