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उत्तर प्रदेश : कानपुर में मिला जीका वायरस का पहला मरीज, दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीम

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कानपुर, 24 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में एक तरफ कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या जहां 100 से भी नीचे जा गिरी है वहीं अब केरल के बाद राज्य में जीका वायरस का पहला मरीज पाया गया है। कानपुर में एयरफोर्स स्टेशन के वारंट अफसर एमएम अली में जीका वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है और इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।

एयरफोर्स स्टेशन के वारंट अफसर में जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि

पोखरपुर (चकेरी) के रहने वाले वारंट अफसर 57 वर्षीय एमएम अली को डेंगू बुखार के लक्षण पाए जाने पर सेवेन एयरफोर्स अस्पताल में 19 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। हालांकि हालत न सुधरने पर उनके सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टरट्यूट ऑफ वायरोलाजी पुणे भेजे थे। शनिवार देर रात रिपोर्ट आने पर उनमें जीका संक्रमण की पुष्टि की गई। संक्रमण की पुष्टि होने पर दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम कानपुर आई है।

जीका के पहले मरीज की पुष्टि के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

जीका के पहले मरीज की सूचना मिलने के बाद से ही राज्य स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। मरीज और उसके करीब रहे 22 लोगों के साथ ही इलाज कर रहे स्टाफ को आइसोलेट कर दिया गया है। इन सभी का सैंपल भी जांच को केजीएमयू लखनऊ भेजा गया है।

जिलाधिकारी ने संक्रमण की रोकथाम के लिए गठित की 10 टीमें

जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि जीका संक्रमण की पुष्टि का यह प्रदेश का पहला मामला है। इसका वायरस कोरोना की तरह नहीं फैलता। यह डेंगू की तरह वेक्टर बोर्न है। फिलहाल इसकी रोकथाम के कदम उठाए जा रहे हैं और 10 टीमें गठित की गई हैं। डीएम ने इसी क्रम में एयरफोर्स अस्पताल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, उर्सला, डफरिन व कांशीराम अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बैठक बुलाई और उन्हें आवश्यक दिशानिर्देश दिए।

एडीज मच्छरों के कारण पनपता है जीका वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार जीका वायरस रोग मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलाए गए एक वायरस के कारण होता है। यह मच्छर दिन के दौरान काटता है। जीका वायरस के संक्रमण या इससे जुड़ी बीमारियों का अब तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

जीका वायरस रोग की अवधि (लक्षणों के संपर्क में आने का समय) तीन से 14 दिन होने का अनुमान है। जीका वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते। लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, जिनमें बुखार, दाने, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं और आमतौर पर यह दो से सात दिनों तक रहते हैं।

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