नैरोबी ( केन्या), 9 नवंबर। पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर के दक्षिणी भाग मराडी में सोमवार को एक स्कूल की पुआल और लकड़ी से निर्मित कक्षाओं में आग लगने से कम से कम 26 बच्चों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर बच्चे पांच से छह वर्ष के थे।
मराडी शहर के मेयर चाईबू अबूबकर ने घटना की पुष्टि करते हुए स्थानीय मीडिया को बताया कि आग से बचकर निकले दर्जनों बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए और उनका इलाज चल रहा है।
बताया जाता है कि तेज हवाओं से आग धधक हुई, जिससे भयावह हादसा हो गया। सुरक्षा अधिकारी जांच कर रहे हैं कि आग कैसे लगी। स्कूल के तीन क्लासरूम पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
घास-फूस, लकड़ी और पुआल से बनाई जाती हैं ज्यादातर कक्षाएं
गौरतलब है कि ग्रामीण नाइजर में अधिकतर स्कूलों की कक्षाएं घास-फूस, लकड़ी और पुआल से बनी होती हैं, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र बैठते हैं जबकि ईंटों से बनी कक्षाएं बेहद कम हैं। ऐसी कक्षाओं में आसानी से आग लगने का खतरा होता है।
राजधानी नियामी में इसी वर्ष हुई थी 20 बच्चों की मौत
नाइजर में नागरता रेडियो ने बताया कि मरने वालों की संख्या रिपोर्ट की तुलना में अधिक हो सकती है। इसी वर्ष अप्रैल में नाइजर की राजधानी नियामी के बाहरी इलाके में एक प्राथमिक स्कूल में आग लगने से 7 से 13 साल की उम्र के 20 बच्चों की मौत हो गई थी।
दुनिया के सबसे गरीब देशों में एक है नाइजर
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, 2.5 करोड़ से अधिक की आबादी वाला नाइजर दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है और अफ्रीका में साक्षरता दर सबसे कम है। यहां स्कूल अपर्याप्त हैं और जो हैं, वे अक्सर लकड़ी, पुआल और लोहे की चादरों से बने होते हैं।