मैसुरु, 27 सितम्बर। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम. सिद्धारमैया के खिलाफ मैसुरु लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज कर ली है। उनके खिलाफ मैसुरु अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) के भूखंडों के आवंटन में घोटालों के आरोपों में यह एफआईआर मैसुरु के लोकायुक्त एसपी उदेश के नेतृत्व में दर्ज की गई है।
अदालत की ओर से सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश लोकायुक्त को दिया गया था। इसके बाद ही यह एक्शन लिया गया है। इसके लिए लोकायुक्त एडीजीपी मनीष खरबीकर की ओर से आदेश दिया गया था।
सिद्धारमैया के खिलाफ अदालत ने सीआरपीसी के सेक्शन 156(3) के तहत केस फाइल किया है। इसके अलावा आईपीसी की धाराओं 120B, 166, 403, 420, 426, 465, 468, 340, 351 के तहत भी सिद्धारमैया के खिलाफ केस फाइल हुआ है। अब इस केस की जांच लोकायुक्त पुलिस की ओर से की जाएगी।
सिद्धारमैया की गिरफ्तारी की भी आशंका
एफआईआर के आधार पर सिद्धारमैया को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। लोकायुक्त के पास गिरफ्तारी की भी शक्ति होती है। ऐसे में सिद्धारमैया की गिरफ्तारी की भी आशंका है। हालांकि उससे पहले ही अपने कानूनी जानकारों की सलाह पर सिद्धारमैया अग्रिम जमानत के लिए याचिका डाल सकते हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने की थी शिकायत
कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की शिकायत पर सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। देखा जाए तो इस केस के चलते सिद्धारमैया बुरे फंसते दिख रहे हैं और उन पर पद से हटने का दबाव भी बन रहा है। हालांकि सिद्धारमैया लगातार इससे इनकार कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को भी कहा था कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उनके ऊपर लगाए आरोप झूठे हैं और ये सब विपक्ष की साजिश है।
यही नहीं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी सिद्धारमैया का बचाव कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि MUDA के लोग जो चाहें, वे काररवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह जरूरी नहीं है कि सरकार उसके सभी सवालों का जवाब दे, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय होने के कारण काररवाई कर ही सकता है।