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एफआईपी का नागर विमानन मंत्रालय को पत्र, उड़ान ड्यूटी के संशोधित मानदंडों को लागू करने की मांग

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मुंबई, 4 अगस्त। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने उड़ान ड्यूटी और आराम की अवधि से संबंधित संशोधित मानदंडों को लागू करने की मांग की है। एफआईपी ने नागर विमानन मंत्रालय को लिखे पत्र में पायलटों को होने वाली थकान पर चिंता जताते हुए संशोधित मानदंडों को तत्काल क्रियान्वित करने की जरूरत बताई है। पायलटों के समूह एफआईपी के 6,000 से अधिक सदस्य हैं।

एफआईपी ने इससे प़हले भी नागर विमानन मंत्रालय को संशोधित नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) पर पत्र लिखा था, क्योंकि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इसके क्रियान्वयन को टाल दिया था। उड़ान ड्यूटी समयसीमा से संबंधित संशोधित सीएआर पायलट की थकान पर बढ़ती चिंताओं के बीच उन्हें आराम के लिए अधिक समय देने से संबंधित है।

मार्च में डीजीसीए ने इसके क्रियान्वयन को स्थगित करने का निर्णय लिया था। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू को लिखे पत्र में एफआईपी अध्यक्ष सी एस रंधावा ने उनसे संशोधित सीएआर को जल्द से जल्द लागू करने के लिए डीजीसीए को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

पत्र में सीएआर के क्रियान्वयन को स्थगित करने के नियामक के कदम का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘‘…डीजीसीए की कार्रवाई न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करती है।’’29 जुलाई को लिखे पत्र में यह भी दावा किया गया है कि थकान के मुद्दे की गंभीरता को पहचानने में नियामक की विफलता न केवल पायलटों बल्कि हवाई यात्रा करने वाले आम लोगों की सुरक्षा से भी समझौता करने जैसा है।

डीजीसीए ने 26 मार्च को सीएआर के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया था। पहले इसे एक जून से लागू किया जाना था। नियामक द्वारा इससे करीब दो सप्ताह पहले एयरलाइन कंपनियों से कहा गया था कि इस समयसीमा को टाला नहीं जाएगा। पिछले महीने, एनजीओ सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन के एक अध्ययन में कहा गया था कि लगातार रात की उड़ानें, 10 घंटे से अधिक की उड़ान ड्यूटी अवधि और रोस्टर में बदलाव पायलट की थकान के प्रमुख कारकों में से हैं।