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पंडोरा पेपर्स लीक मामलों की जांच सीबीडीटी अध्‍यक्ष की अगुआई में बहु एजेंसी समूह करेगा : वित्त मंत्रालय

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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) अध्‍यक्ष की अगुआई में बहु एजेंसी समूह से पेंडोरा पेपर्स लीक मामलों की जांच कराने का फैसला किया है और कहा है कि ऐसे मामलों में कानून के अनुसार समुचित काररवाई की जाएगी।

वित्‍त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मीडिया में बताए जा रहे इन पेपर्स लीक मामलों की जांच समिति में सीबीडीटी के अलावा प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्‍तीय खुफिया इकाई के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे।

विदेशी कार्य क्षेत्र से भी हासिल की जाएंगी सूचनाएं

मंत्रालय ने कहा है कि इन मामलों में प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के मद्देनजर सरकार संबंधित करदाताओं और कम्पनियों के बारे में सूचना प्राप्‍त करने के लिए विदेशी कार्य क्षेत्र के साथ सक्रिय रूप से सम्‍पर्क करेगी। भारत सरकार उस अंतर सरकार समूह में शामिल है, जो ऐसे लीक के मामलों से संबंधित कर जोखिम के प्रभावी समाधान से सहयोग और अनुभव साझा करना सुनिश्चित करेगी।

मीडिया में कुछ भारतीयों के नाम भी सामने आए हैं

मंत्रालय के अनुसार मीडिया में अब तक कुछ भारतीयों के नाम सामने आए हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय जनर्लिस्‍ट वेबसाइट के अंतरराष्‍ट्रीय परिसंघ ने हालांकि अभी नाम और कम्पनियों के अन्‍य विवरण जारी नहीं किए हैं। आईसीआईजे वेबसाइट में सुझाव दिया गया है कि सूचना विभिन्‍न चरणों में जारी की जाएगी और पेंडोरा पेपर्स जांच से संबंधित स्‍ट्रक्‍चर्ड डेटा इसके ऑफशोर लीक डेटाबेस के दिनों में ही जारी किया जाएगा।

काले धन को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने पहले ही बना रखे हैं कानून

ज्ञातव्य है कि र्आईसीआईजे, एचएसबीसी, पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के पहले के इसी प्रकार के लीक मामलों के लिए सरकार ने कालाधन (अघोषित विदेशी आय और सम्‍पत्ति) और कर कानून 2015 को लागू करने के पहले ही कानून बनाए हैं, जिनका उद्देश्‍य काले धन को रोकना है। मंत्रालय ने बताया कि पनामा और पैराडाइज पेपर्स जांच में  20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अघोषित ऋण का पता चला है।

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