नई दिल्ली, 1 जनवरी। नव वर्ष पर केंद्र सरकार के लिए नई खुशखबरी है। वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि दिसम्बर, 2022 में जीएसटी राजस्व 15 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हुआ है। नवम्बर महीने में सालाना आधार पर यह11 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये रहा था।
वित्त मंत्रालय के प्रेस नोट के अनुसार दिसम्बर के दौरान सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है, जिसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (सहित) है। माल के आयात पर 850 करोड़ रुपये एकत्र हुआ है।
👉 Rs 1,49,507 crore GST Revenue collected for December 2022, records increase of 15% Year-on-Year
👉 Monthly GST revenues more than Rs 1.4 lakh crore for 10 straight months in a row
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— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 1, 2023
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी में 36,669 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 31,094 करोड़ रुपये का निपटान किया है। दिसम्बर 2022 के महीने में नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व CGST के लिए 63,380 करोड़ रुपये और SGST के लिए 64,451 करोड़ रुपये है।
उपभोक्ता खर्च बढ़ने और बेहतर अनुपालन से जीएसटी राजस्व बढ़ा
मुख्य रूप से उपभोक्ता खर्च बढ़ने और बेहतर अनुपालन से जीएसटी राजस्व बढ़ा है। यह लगातार 10वां महीना है, जब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इससे पहले, अक्टूबर में जीएसटी संग्रह त्याहरों में खर्च बढ़ने से 1.52 लाख करोड़ रुपये रहा, जो दूसरा सर्वाधिक मासिक राजस्व है।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार सकल जीएसटी राजस्व संग्रह नवम्बर महीने में 1,45,867 करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी 25,681 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 32,651 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 77,103 करोड़ रुपये (आयातित वस्तुओं पर प्राप्त 38,635 करोड़ रुपये समेत) और उपकर 10,433 करोड़ रुपये रहा था।
आलोच्य महीने के दौरान आयातित वस्तुओं के आयात से राजस्व 20 प्रतिशत अधिक रहा। वहीं घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात समेत) से राजस्व सालाना आधार पर आठ प्रतिशत अधिक रहा। जीएसटी राजस्व अप्रैल महीने में रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। मई में यह 1.41 लाख करोड़ रुपये, जून में 1.45 लाख करोड़ रुपये, अगस्त में 1.44 लाख करोड़ रुपये, सितम्बर में 1.48 लाख करोड़ रुपये और अक्टूबर में 1.52 लाख करोड़ रुपये रहा था।