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वैश्विक आर्थिक नीति मंच से वित्त मंत्री ने कहा-नई चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर करना होगा विचार

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नई दिल्ली, 11 दिसंबर।  केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए प्रमुख हितधारकों के बीच साझेदारी बनाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय उद्योग जगत के वाणिज्यिक विचार अर्थव्यवस्था, राष्ट्र की प्राथमिकताओं और रणनीतिक जरूरतों के साथ मेल खाने चाहिए।वित्त मंत्री ने उद्योग जगत से पिछले दशक में सीखे गए सबक के आधार पर खुद को बदलने का आह्वान किया।

नई चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर करना होगा विचार

केंद्रीय वित्त मंत्री ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक आर्थिक नीति मंच (जीईपीएफ) 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्‍होंने आगे कहा कि आपूर्ति श्रृंखलाएं व्यापक होनी चाहिए, अन्यथा भू-राजनीतिक जोखिम इसे बाधित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग को नई चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर विचार करना होगा। सीतारमण ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर सचेत है कि आने वाली पीढ़ियों पर कर्ज का ऐसा बोझ न हो, जिसका प्रबंधन करना मुश्किल हो।

वैश्विक मंचों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का आह्वान
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं, नागरिकों और वैश्विक मंचों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का आह्वान किया। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय उद्योग जगत के वाणिज्यिक विचार अर्थव्यवस्था, राष्ट्र की प्राथमिकताओं और रणनीतिक जरूरतों के साथ मेल खाने चाहिए।

इस अवसर पर भूटान के वित्त मंत्री ल्योनपो लेके दोरजी, मालदीव के वित्त मंत्री मूसा जमीर, वित्त सचिव एवं दीपम सचिव और सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी और चंद्रजीत बनर्जी भी उपस्थित थे।

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