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वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा – नई कर प्रणाली से मध्य वर्ग को फायदा होगा, करदाताओं के पास ज्यादा पैसा बचेगा

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नई दिल्ली, 11 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि नई कर प्रणाली से मध्य वर्ग को फायदा होगा क्योंकि इस व्यवस्था को अपनाने से करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा बचा रहेगा।

सरकारी योजनाओं के जरिए लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहन की जरूरत नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल की बजट-पश्चात बैठक को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकारी योजनाओं के जरिए लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी नहीं है। इसकी जगह पर लोगों को अपने निवेश के बारे में व्यक्तिगत स्तर पर निर्णय लेने का मौका दिया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि सीतारमण ने गत एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए नई कर प्रणाली को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई घोषणाएं की थीं। इसमें सात लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगाने की घोषणा सबसे अहम है।

बहुत अनुभवी हैं भारत के नियामक, वो अपने डोमेन के विशेषज्ञ हैं

सीतारमण ने भारतीय शेयर बाजार में पिछले दो हफ्ते से अडानी समूह के शेयरों में जारी उठापटक के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘भारतीय नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। नियामकों को इस मसले की जानकारी है और वे हमेशा ही अपने काम को लेकर सजग रहते हैं।’

वहीं क्रिप्टो मुद्राओं के नियमन के संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक साझा प्रारूप तैयार करने के बारे में जी20 देशों के साथ चर्चा चल रही है।

खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में करीब 5.3 फीसदी रहने का अनुमान – दास

इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष (2023-24) में करीब 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है और कच्चे तेल की कीमतें कम होने पर इसमें और भी गिरावट आ सकती है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति का आकलन कच्चे तेल के 95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहने की संभावना के आधार पर किया गया है। बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले कर्जों की दर पर उन्होंने कहा कि बाजार प्रतिस्पर्धा उधारी एवं जमा की दरों को तय करेगी।

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