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वित्त मंत्री निर्मला ने महाभारत के इस श्लोक से बताया – मध्यम वर्ग को क्यों नहीं मिली टैक्स में राहत

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नई दिल्ली, 1 फरवरी। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट 2022 से मध्यम वर्गको मायूसी हाथ लगी, जो आयकर स्लैब में बदलाव के साथ राहत की उम्मीद लगाए बैठा था।

फिलहाल मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव क्यों नहीं किए गए? इसका जवाब बजट प्रस्तुत करते वक्त वित्त मंत्री ने खुद दिया। उन्होंने महाभारत के एक श्लोक का उदारहण देते हुए कहा कि राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करना चाहिए। उन्होंने महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 का 11वां श्लोक पढ़ा, जो इस प्रकार है-

दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।

अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥

यानी कि, ‘राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘अपने प्राचीन ग्रंथों से ज्ञान एवं मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए हमने प्रगति के पथ पर कायम रहते हुए चलना जारी रखा है।’

निर्मला ने इस श्लोक से यह बताने की कोशिश की कि सरकार के लिए टैक्स लेना क्यों आवश्यक है। हालांकि उन्होंने करदाताओं को सरकार का सहयोग करने के लिए धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा, ‘मैं इस अवसर पर देश के सभी करदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती हूं, जिन्होंने अत्यधिक सहयोग दिया है और जरूरत की इस घड़ी में अपने साथी नागरिकों की सहायता करके सरकार के हाथों को मजबूत किया है।’

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