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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर व्यवस्था के सवाल पर कहा – ‘काश, मैं टैक्स को शून्य कर पाती..’

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नई दिल्ली, 14 अगस्त। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में कर व्यवस्था के सवाल पर स्पष्ट जवाब देते हुए कहा कि काश, वह टैक्स को कम कर एकदम शून्य कर देती। लेकिन भारत को अपनी चुनौतियों से लड़ने के लिए रुपयों की जरूरत होती हैं और रिसर्च एंड विकास की गतिविधियों के लिए भी एक बड़े फंड की जरूरत होती है। ऐसे में संसाधन जुटाना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है, जिसके लिए टैक्स तो लेना ही पड़ेगा।

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह में सीतारमण ने टैक्स स्लैब पर बात करते हुए कहा कि इससे भारत की जरूरतें पूरी होती हैं और चुनौतियों से भी सामना करने में सरकार को मदद मिलती है।

चुनौतियों से पार पाने के लिए सरकार को टैक्स की जरूरत होती है

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘वित्त मंत्री रहते हुए, उस वक्त सबसे ज्यादा निरोत्साह महसूस होता है, जब कोई पूछता है कि क्या टैक्स को इससे कम किया जा सकता है। काश, मैं टैक्स को एकदम शून्य कर पाती। लेकिन चुनौतियों बड़ी हैं और इनसे पार पाने के लिए सरकार को टैक्स की जरूरत होती है।’

‘मेरा काम है कि सरकार के लिए लोगों को बिना दुख दिए राजस्व इकट्ठा करूं

सीतारमण ने कहा, ‘मेरा काम है कि सरकार के लिए लोगों को बिना दुख दिए राजस्व इकट्ठा करूं, जिसके लिए आप सभी को सुनिश्चित करती हूं। लेकिन, उसके साथ भी पैसा आता है क्योंकि हमें अनुसंधान के लिए धन की भी आवश्यकता होती है। सरकार बात ही नहीं कर रही है। यह R&D (अनुसंधान और विकास) में पैसा लगा रहा है। वह पैसा जो कराधान से कमाया जाता है। यह मेरा काम है, इसलिए मैं आपको बताना जरूरी समझती हूं।’

वित्त मंत्री ने यह भी कहा, ‘दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन के लक्ष्य के लिए बहुत सारा पैसा देने का वादा किया है, लेकिन ऐसा होना अभी बाकी है। दूसरी तरफ भारत ने इसका इंतजार नहीं किया कि उसे मदद मिले। पेरिस (पेरिस समझौते) में दिए गए वादे हमने अपने पैसे से पूरे किए।’

वैज्ञानिकों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण पर शोध करने की भी अपील

उन्होंने वैज्ञानिकों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण पर शोध करने की भी अपील करते हुए कहा, ‘सरकार ने वैज्ञानिक अनुसंधान में भारी निवेश किया है। भारत की चुनौतियों को समझने के लिए अपने सामने स्नातकों, पीएचडी धारकों की एक बहुत ही विद्वान भीड़ चाहती हूं। मैंने भारत जैसे बढ़ते देश के लिए ऊर्जा के उन स्थायी स्रोतों में से ऐसे रूप में नवीकरणीय ऊर्जा, वैश्विक ऊर्जा का उदाहरण लिया है।’

भारत अपनी ताकत से जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा

वैज्ञानिकों से नवाचार लाने का आग्रह करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत अपनी ताकत से जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है और कहीं और से पैसे के लिए इंतजार नहीं कर सकता। उन्होंने वैज्ञानिकों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण के लिए बैटरी विकसित करने का भी आग्रह किया क्योंकि जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन टिकाऊ होना चाहिए।

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