नई दिल्ली, 10 अगस्त। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताप पर चर्चा में भाग लेते हुए गुरुवार को लोकसभा में जहां एनडीए सरकार के नौ वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं वहीं विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
‘आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं‘
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल किया था। भारत को नाजुक अर्थव्यवस्था घोषित कर दिया गया। आज उसी मॉर्गन स्टैनली ने भारत को अपग्रेड कर ऊंची रेटिंग दी है।’
उन्होंने कहा, ‘केवल नौ वर्षों में अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और कोविड के बावजूद हमारी सरकार की नीतियों के कारण आर्थिक विकास हुआ। इसलिए भारत अपने भविष्य के विकास के बारे में आशावादी और सकारात्मक होने की एक दुर्लभ स्थिति में है।’
‘बनेगा…मिलेगा‘ का प्रचलन खत्म, अब तो ‘..बन गए, मिल गए, आ गए..‘
सीतारमण ने कहा, “बनेगा, मिलेगा’ जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं हैं। आजकल लोग क्या उपयोग कर रहे हैं? ‘बन गए, मिल गए, आ गए।’ यूपीए के दौरान लोग कहते थे ‘बिजली आएगी’, अब लोग कहते हैं ‘बिजली आ गई’.. उन्होंने कहा ‘गैस कनेक्शन मिलेगा’, अब ‘गैस कनेक्शन मिल गया’…उन्होंने कहा एयरपोर्ट ‘बनेगा’, अब एयरपोर्ट ‘बन गया’..”
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘परिवर्तन वास्तविक डेलिवरी के माध्यम से आता है, न कि बोले गए शब्दों के माध्यम से। तुम लोगों को सपने दिखाते हो। हम उनके सपनों को साकार करते हैं। हम सभी को सशक्त बनाने और किसी के तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करते।’
निर्मला ने कहा, ‘जनता ने 2014 और 2019 में यूपीए के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया और उन्हें हरा दिया। 2024 में भी यही स्थिति होगी। गृह मंत्री ने कल कहा, यूपीए का नाम बदलने की क्या जरूरत?…इनमें गजब की एकता है। यह समझना मुश्किल है कि वे एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं या साथ मिलकर।’
‘यूपीए ने बैंकों में जो रायता फैलाया था, उसे हम साफ कर रहे हैं‘
उन्होंने कहा, ‘यूपीए ने पूरा एक दशक बर्बाद कर दिया क्योंकि वहां बहुत भ्रष्टाचार और भाईचारा था। यूपीए ने बैंकों में जो रायता फैलाया था, उसे हम साफ कर रहे हैं। आज हर संकट और विपरीत परिस्थिति को सुधार और अवसर में बदल दिया गया है। हमने महसूस किया है कि बैंकिंग क्षेत्र को स्वस्थ रहने की जरूरत है और इसलिए हमने कई कदम उठाए हैं। बैंक राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम करने में सक्षम हैं, वे पेशेवर ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं।’
मुनाफे में कारोबार कर रहे बैंक
सीतारमण ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि आज देश के सभी पब्लिक सेक्टर के बैंक अच्छा परफॉर्मेंस कर रहे हैं और मुनाफे में हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक रिकॉर्ड एक लाख करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने देश के सबसे बड़े बैंक SBI का उदाहरण देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसबीआई सबसे प्रॉफिटेबेल बैंक बना है और इसका नेट प्रॉफिट अप्रैल-जून तिमाही में 18,537 करोड़ रुपये रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री यहां के मोहल्ला क्लीनिक देखने दिल्ली आए। उन्होंने आकर कहा कि इनमें कुछ खास नहीं है और हम निराश हैं। यह उनकी लड़ाई का एक उदाहरण है।’
‘हमारी डीबीटी की कहानी बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण‘
उन्होंने कहा, ‘हमारी डीबीटी की कहानी बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित करती है। मैं यूपीए द्वारा डीबीटी के संचालन को मान्यता देती हूं, लेकिन 2013-14 में केवल 7,367 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए थे। उस राशि से 2014-15 तक ही डीबीटी ट्रांसफर 5 गुना बढ़ गया है। पिछले वित्त वर्ष में डीबीटी के जरिए 7.16 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।’