नई दिल्ली, 1 फरवरी। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्रीय बजट 2022 में आम लोगों का ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदेश था कि कोरोना काल में लोगों पर बोझ न बढ़े, इसलिए दो वर्षों से टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। यह लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात है।
पीएम का आदेश था – महामारी के दौरान जनता के ऊपर टैक्स का बोझ नहीं डालना है
संसद में केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के बाद मीडिया से मुखातिब निर्मला का मिडिल क्लास को टैक्स में छूट न देने के सवाल पर यही जवाब था। उन्होंने कहा कि पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी क्यों न हो, कोरोना महामारी के समय जनता के ऊपर टैक्स का बोझ नहीं डालना है। पीएम के वही दिशा निर्देश इस बार भी बजट में फॉलो किए गए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने कहा कि महामारी के बावजूद सरकार ने जनता से टैक्स के जरिए एक भी पैसा नहीं लिया। यानी महामारी के दौरान मांग और चुनौतियां होने के बावजूद केंद्र सरकार ने टैक्स के जरिए किसी भी तरह की राहत ढूंढने का प्रयास नहीं किया।
विनिवेश को लेकर सरकार की मंशा प्रगतिशील, एलआईसी का आईपीओ जल्द
वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश को लेकर सरकार की मंशा प्रगतिशील है। योजना के मुताबिक एलआईसी का विनिवेश किया जाएगा। एलआईसी का आईपीओ लाने की पूरी तैयारी है। इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि एअर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
निर्मला ने प्रस्तावित डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी जारी करेगा, अभी के लिए क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। डिजिटल संपत्ति का विवरण परामर्श के बाद आएगा।
आरबीआई जो जारी करेगा, वह डिजिटल करेंसी कहलाएगी
वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई जो जारी करेगा, वह डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके बाहर क्रिप्टो वर्ल्ड में मौजूद सभी क्वाइन वर्चुअल असेट्स व्यक्तियों की बनाई गई संपत्ति है और सरकार इसके लेन-देन में होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम क्रिप्टो परिसंपत्तियों के हर लेन देन पर 1% टीडीएस लगाकर नज़र रखेंगे।’