नई दिल्ली, 7 अगस्त। अमेरिकी कम्पनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोनारोधी सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को एक ट्वीट के जरिए इस आशय की घोषणा की।
कोरोना से बचाव के क्रम में भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली यह पांचवी वैक्सीन है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और डॉ रेड्डीज की स्पुतनिक वी (रूस में विकसित) पहले से ही उपलब्ध हैं। सिप्ला को भी मॉडर्ना की वैक्सीन के आयात की इजाजत मिल चुकी है।
हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने इस वैक्सीन के उत्पादन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। लेकिन कम्पनी ने यह जरूर कहा है कि वैक्सीन के वैश्विक विपणन में बायोलॉजिकल ई की अहम भूमिका होगी।
गंभीर बीमारी रोकने में 85% तक सक्षम : अध्ययन
कम्पनी ने अपनी एप्लिकेशन में फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल के डेटा का हवाला दिया है। इसके मुताबिक, सिंगल डोज वाली वैक्सीन सभी क्षेत्रों किए गए अध्ययन में गंभीर बीमारी रोकने में 85% तक सक्षम पाई गई। डोज लगने के 28 दिन बाद, कोविड-19 से जुड़े हॉस्पिटलाइजेशन और मौत से भी वैक्सीन बचाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) की वैक्सीन कोविड-19 देने वाले SARS-CoV-2 वायरस के जेनेटिक मैटेरियल का इस्तेमाल करके बनाई गई है। इसे Ad26.COV2.S कहते हैं। ये वायरस के जेनेटिक कोड का प्रयोग स्पाइक प्रोटीन बनाने के लिए करते हैं। कई और वैक्सीन भी इसी तरीके से प्रोटेक्शन प्रदान करती हैं।